इसलिए किया आज का दिन तय, दीए जलाने के लिए
🔲 नकारात्मकता का नाश और सकारात्मक का संचार होगा आज की रात
🔲 देश जलाएगा दीपक
हरमुद्दा
रविवार, 5 अप्रैल। दीपक से नकारात्मकता ऊर्जा का नाश होता है। वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जो इस कोरोना वायरस सकंट की घड़ी में बेहद आवश्यक है। वहीं प्राकृतिक तेल का दिया, मोमबत्ती जलाने से प्रदूषण भी कम होता है। इसलिए आज करोड़ों देशवासी दीए जलाएंगे।
कोरोना ने हमारी विचारधारा, आस्था और परंपरा पर हमला किया है। 5 अप्रैल को देश की जनता की महाशक्ति का जागरण करेंगे। कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अप्रैल को रात 9 बजकर 9 मिनट ने देशवासियों से दीए जलाने की देशवासियों से आह्वान किया है।
यह करेंगे देशवासी
लोग अपने घरों की लाइट बुझाकर घर के बाहर दीया, मोमबत्ती और लाइट जलाएंगे और संदेश देंगे कि संकट की इस घड़ी में देश गरीब तबके साथ खड़ा है।
आखिर क्या है आज के दिन को चुनने का महत्व
ऐसे में सभी के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर इस तारीख और दिन को चुनने का क्या महत्व है।
ज्योर्तिविद गोचर शर्मा ने हरमुद्दा को बताया कि अंक-विज्ञान के अनुसार 5 अंक का स्वामी बुध है। बुध गला, फेफड़ा और मुख का कारक ग्रह होता है। वर्तमान में विश्वव्यापी महामारी कोरोना मनुष्य के मुख, फेफड़े और गले को ही अपना निशाना बनाए हुए है। बुध ग्रहों का राजकुमार तथा वर्तमान सम्वत् 2077 का अधिपति भी है। अतः 5 अप्रैल इस दृष्टि से भी अनुकूल है। रविवार सूर्य का दिन होता है। सूर्य नवग्रह का अधिपति है। समस्त ग्रह सौर ऊर्जा से ही प्रभावित हैं। सूर्य दीपक या प्रकाश का प्रतीक है। अतः 5 अप्रैल को रात्रि 9 बजे से 9 मिनट तक यमघण्ट काल को करोड़ों प्रज्वलित दीपक सूर्य को बल प्रदान करेंगे।
मंगल का प्रतीक है 9
ज्योर्तिविद शर्मा ने बताया कि नौ का अंक मंगल ग्रह का प्रतीक है। मंगल सौरमंडल का सेनापति होने के कारण महामारी अन्धकार को नष्ट करने में सूर्य का अपूर्व सहयोग करेगा। रात्रि या अन्धकार शनि का प्रतीक है और शनि सूर्य से अर्थात् अन्धकार प्रकाश से दूर होता है। अतः रविवार 5 अप्रैल को जो पूर्णिमा के नज़दीक की तिथि है, उस दिन चन्द्र की मज़बूती के लिए सभी प्रकाश बन्द कर दीपदान करना चन्द्रमा को अमृत-वृष्टि के लिए बाध्य करेगा।