शुक्रिया कोरोना योद्धाओं! : रतलाम से डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला
शुक्रिया कोरोना योद्धाओं!
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🔲 डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला
शुक्रिया कोरोना योद्धाओं!
शुक्रिया कि तुम लड़े
मौत से लड़ने वालों के लिए।
शुक्रिया कि तुम दिन-रात चौबीसों
घंटे
खड़े रहे इंसानियत की हिफाजत में।
शुक्रिया कि तुमने मौत को गले लगाया
जीवन की धड़कनों को महफूज रखने के लिए।
शुक्रिया कोरोना योद्धाओं!
शुक्रिया कि तुम मोम की तरह पिघलते रहे
उनके लिए जिनके पास घर की छाँव नहीं थी।
शुक्रिया कि तुम भूखे-प्यासे रोटी परोसते रहे
भूख से व्याकुल माँ-पिता और बच्चों को।
शुक्रिया कि तुमने घाव धोए पीड़ितों के,
तुमने साबित किया कि दिल धड़कता है
अब भी आदमी के भीतर थोड़ा-बहुत।
शुक्रिया कोरोना योद्धाओं!
शुक्रिया कि तुम भय मिटाते रहे मृत्यु का,
शुक्रिया कि तुम लय बनाते रहे साँसों की,
शुक्रिया कि तुम जय बोलते रहे मिट्टी की,
शुक्रिया कि तुम रोग और शोक के ऊपर
जीत के विश्वास को जिंदा रखने में कामयाब हुए।
शुक्रिया कोरोना योद्धाओं!
तुम अब भी लड़ रहे हो युद्ध के मैदान में।
हारता चला जा रहा है कोरोना
और जीतते चले जा रहे हो तुम,
इसीलिए तो फूल बरसाए जा रहे हैं तुम पर
और निर्मल गंगा बह रही है तुम्हारे पुण्य लेकर।
तुम्हारे सम्मान में खड़े हुए हम सब,
दोनों हाथ ऊपर उठा कर बोल रहे हैं-
“शुक्रिया कोरोना योद्धाओं!”
🔲 डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला