नाबालिग का अपहरण कर बलात्कार करने वाले आरोपी का दूसरा जमानत आवेदन पत्र भी निरस्त
1 min readहरमुद्दा
रतलाम, 30 जून। आदिवासी अंचल बाजना क्षेत्र के अधेड़ ने। नाबालिग का अपहरण किया। 2 दिन तक बलात्कार भी किया। इसके लिए आरोपी ने पहले भी जमानत याचिका लगाई थी जो खारिज कर दी गई थी। पुनः दूसरी याचिका लगाई, जिसे विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट साबिर अहमद खान ने मंगलवार को फिर से खारिज कर दिया गया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने बताया कि ।थाना बाजना के अपराध क्र. 183/2018 में आरोपी हुरजी पिता हुकमा मुनिया उम्र 35 वर्ष निवासी बगली, थाना बाजना जिला रतलाम द्वारा विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट साबिर अहमद खान के समक्ष दूसरी जमानत याचिका प्रस्तुत की, जिसे मंगलवार को न्यायालय के द्वारा निरस्त किया गया।
आरोपी के अधिवक्ता ने दिया तर्क निराकरण में लगना है समय
आरोपी हुरजी पिता हुकमा की ओर से उनके अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किए गए थे कि आरोपी ने कोई अपराध नहीं किया। मात्र असत्य आधारों पर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है । अंतिम निराकरण में समय लगना है। आरोपी लम्बे समय से जेल में है। अधिक समय तक जेल में रहने के कारण उसके मानसिक विचारों पर विपरीत प्रभाव पड़ने की सम्भावना है।
अभियोजन के तर्कों से सहमत हुए न्यायाधीश
राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुश्री सीमा शर्मा द्वारा जमानत आवेदन पत्र का विरोध कर तर्क प्रस्तुत किए गए कि आरोपी के द्वारा गंभीर प्रकृति का अपराध किया गया है। न्यायाधीश ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर तथा अभिलेख पर आरोपी हुरजी के विरूद्ध मौजूद साक्ष्य के आधार पर उसका जमानत आवेदन इन आधारों पर निरस्त किया है कि आरोपी हुरजी के द्वारा अवयस्क बालिका को उसके माता-पिता की सहमति के बिना अपने खेत में बने झोपडे में 2 दिन तक रखकर उसकी इच्छा के विरूद्ध बलात्कार किया। आरोपी हुरजी का 15 दिसंबर 19 को प्रथम जमानत आवेदन पत्र न्यायालय द्वारा निरस्त किया गया था। उसके पश्चात् वर्तमान में भी प्रकरण में ऐसी कोई नवीन परिस्थितियां उत्पन्न नहीं हुई है, जिसके आधार पर आरोपी की ओर से प्रस्तुत द्वितीय जमानत याचिका मंजूर की जा सके। अपराध की गंभीरता तथा वर्तमान में अवयस्कों के प्रति बढ़ रहे लैगिंक अपराधों से समाज की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए न्यायालय द्वारा आरोपी हुरजी का दूसरी जमानत याचिका निरस्त कर दी गई।