वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे किसान-विरोधी कृषि अध्यादेशों व डीजल की बढ़ी कीमतों के खिलाफ किसानों का देशव्यापी प्रदर्शन 6 जुलाई से -

🔲 देशभर में किसान एकता का शंखनाद

🔲 15 जुलाई तक मांगें नहीं मानी तो, देशव्यापी आंदोलन को तेज

हरमुद्दा
मंगलवार, 20 जून। किसान-विरोधी कृषि अध्यादेशों व डीजल की बढ़ी कीमतों के खिलाफ महत्वपूर्ण मुद्दे पर देशभर के किसान एकजुट हो गए हैं। मंगलवार को हुई बैठक के माध्यम से निर्णय लिया गया कि किसानों का देशव्यापी प्रदर्शन 6 जुलाई से प्रारंभ होगा। 15 जुलाई तक किसानों की मांगें मंजूर नहीं की तो, आंदोलन तेज होगा।

राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं कोऑर्डिनेटर राष्ट्रीय किसान महासंघ के अभिमन्यु कोहाड़ ने हरमुद्दा को बताया कि मंगलवार को राष्ट्रीय किसान महासंघ की कोर कमेटी की बैठक हुई। बैठक में मध्यप्रदेश से शिव कुमार कक्काजी, पंजाब से जगजीत सिंह दल्लेवाल, उत्तरप्रदेश से हरपाल चौधरी, कर्नाटक से के. शांताकुमार एवं देव कुमार, केरल से के. वी. बीजू  तथा हरियाणा से अभिमन्यु कोहाड़ ने भाग लिया।

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किसानों का अस्तित्व बचाने के लिए निर्णायक लड़ाई जरूरी

बैठक में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए किसान-विरोधी 3 कृषि अध्यादेशों एवं डीजल की बढ़ती कीमतों पर विस्तृत चर्चा हुई। सभी किसान नेताओं ने एक स्वर में कहा कि अब यह किसानों के अस्तित्व को बचाने की निर्णायक लड़ाई है क्योंकि सरकार अब 3 कृषि अध्यादेशों के माध्यम से किसानों को फसलों पर मिलने वाला MSP खत्म करने जा रही है और इसकी शुरुआत मक्के व मूंग को MSP पर न खरीद कर सरकार ने कर दी है।

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किसान नेताओं ने कहा कमर तोड़ दी किसानों की मूल्य वृद्धि ने

किसान नेताओं ने कहा कि सरकार पहले से ही C2+50% के फार्मूले के अनुसार फसलों का MSP किसानों को नहीं दे रही है और अब डीजल की बढ़ी कीमतों ने किसानों की कमर तोड़ दी है।

बैठक में लिए गए निर्णय

🔲 किसान विरोधी कृषि अध्यादेशों एवम डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में 6 जुलाई से देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। 6 जुलाई को देशभर में किसान इकठ्ठे हो कर जिला व तहसील स्तर पर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर तीनों कृषि अध्यादेश व डीजल की बढ़ी कीमतों को वापस लेने की मांग की जाएगी। जब तक सरकार किसानों की मांगें नहीं मानेगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। यदि केंद्र सरकार ने 15 जुलाई तक मांगें नहीं मानी तो उसके बाद देशव्यापी आंदोलन को तेज किया जाएगा एवम उसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी।

🔲 तीनों कृषि अध्यादेशों के विषय में किसानों को जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय किसान महासंघ द्वारा अलग-अलग भाषाओं में एक पुस्तिका तैयार की जाएगी जिसे किसानों में वितरित किया जाएगा।

🔲 कृषि अध्यादेशों व डीजल की बढ़ी कीमतों के विषयों पर देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने के लिए देश के सभी गैर-राजनीतिक किसान संगठनों को एक मंच पर लाने का प्रयास राष्ट्रीय किसान महासंघ द्वारा किया जाएगा, इसके लिए राष्ट्रीय किसान महासंघ की कोर कमेटी के सदस्य अन्य किसान नेताओं से संवाद करेंगे।

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