आधी रात तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का शोरगुल दिखा रहा है परीक्षा और आचार संहिता को ठेंगा
हरमुद्दा डॉट कॉम
रतलाम। आधी रात तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का शोरगुल चल रहा है, जबकि परीक्षाएं भी ली जा रही है। शोरगुल करने वाले जिला और पुलिस प्रशासन का ठेंगा दिखा रहे हैं। आचार संहिता लागू हो गई है किंतु पालन करवाने वाले शिकायतों के इंतजार में है। माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा हाई स्कूल, हायर सेकंडरी और महाविद्यालयों की परीक्षाएं 1 मार्च से चल रही है, इसके बावजूद शहर में सरेआम सड़कों पर देर रात संगीत के आयोजन हो रहे हैं।
सोमवार 10 मार्च को दीनदयाल नगर थाने से लगे टाटानगर में तेज आवाज में रात 12 बजे नाच गाने चलते रहे, पुलिस की गाड़ियां भी गुजरी, मगर शोरगुल बन्द कराने की जरूरत नहीं समझी।
जब हरमुद्दा ने इस मुद्दे पर आमजन से चर्चा की तो आक्रोश जताया कि प्रशासन कुछ नहीं करता है। कोई भी अपनी जिम्मेदारी नहीं समझता।
दिन रात बेखौफ तेज आवाज
विद्यार्थी विकास पाल का कहना प्रतिबंध के बाद भी ध्वनि प्रदूषण विस्तारक यंत्रों का उपयोग बेखौफ हो रहा है, यहां तक की राह चलते वाहनों से भी तेज आवाज में संगीत चलता रहता है। और तो और खाने पीने की सामग्री बेचने कोई भी कसर नहीं छोड़ते है। 200 से 300 मीटर दूरी से पता चलता है कि कुछ बेचने वाला आया है, वह भी इतना धीरे चलता है एक डेढ़ घंटे तक आवाज आती रहती है।
कोई सुनने वाला नहीं
बुजुर्ग कौशल्या सोनी का कहना है कि ऑटो, मैजिक सहित अन्य गाड़ियों भी ध्वनि विस्तारक यंत्रों द्वारा जोर से गीत बजाते हैं। इन पर कोई बंधन नहीं है। शिकायत करते तो कोई सुनने वाला नहीं है।
खामोश है सब
छात्रा सुमन वर्मा का कहना है कि धार्मिक स्थलों पर सुबह से शाम तक ध्वनि विस्तारक यंत्र चल रहे हैं, जिससे पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। वैसे भी सुबह का समय अध्ययन के लिए श्रेष्ठ होता है तो आखिर अध्ययन कब करें? स्थिति कई बार ऐसी होती कि मोहल्ले में दो या तीन स्थानों पर एक ही समय कार्यक्रम होते हैं।भजन कीर्तन होते रहते हैं। उसमें भी प्रतिस्पर्धात्मक रवैया होता है। इससे विद्यार्थी वर्ग एवं सामान्य नागरिक परेशान हैं। यहां तक की रातों की नींद दिन का चैन नसीब नहीं है। सब खामोश हैं।
अधिकारियों की चुप्पी
मनोज शर्मा का कहना है कि सामान्य नागरिक इसलिए नहीं बोलता की क्यों धर्म विरोधी बने। जबरन कौन पंगा मोल लें, चाहे वाकई बुजुर्ग बीमार हो। कोई कुछ नहीं करता है। समाज में दिनोदिन शोरगुल बढ़ता जा रहा है। कोई भी इस ओर कदम उठाता नहीं है। नियम बना भी दिए जाते और लागू भी कर दिए, मगर पालन नहीं होता। अधिकारी वर्ग भी चुप्पी साधे रहता हैं। आखिर इस समस्या का कोई तो हल होगा।
अधिकारियों के साथ फोटो तो जनहित की हो पहल
शिक्षिका निकिता तिवारी का कहना है कि बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों व जिम्मेदार व्यक्तियों को इस समस्या के लिए कारगर पहल करना चाहिए। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ फोटो खिंचवाने के साथ जनहित की समस्याओं के समाधान में भी कार्य करना चाहिए।
जब्त करने की होना कार्रवाई
अचार संहिता लागू करने की बात करते हुए कलेक्टर रुचिका चौहान ने रविवार को कहा था कि कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग वर्जित रहेगा। इसके साथ ही सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक उपयोग के लिए संबंधित एसडीएम एवं रिटर्निंग आफीसर से अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति उपयोग किए जा रहे ध्वनि विस्तारक यंत्रों को जब्त किया जाएगा।
ये होना चाहिए
देखा जाए तोध्वनि विस्तारक यंत्रों सहित अन्य मसलों पर एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी, वीडियो सर्विलेंस टीम, पुलिस को स्वतः संज्ञान में लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।
सभी को करेंगे सतर्क
कहीं पर भी नियमों का उल्लंघन कर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग हो रहा है तो आमजन 100 पर सूचना दें। दण्डाधिकारियों को भी मैदानी कार्य करना चाहिए। एसपी सा. को कहेंगे कि पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया जाए। – रुचिका चौहान, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, रतलाम