धर्म संस्कृति अध्यात्म : धन की शुद्धि होती है दान से : मुनिराज डॉ. संयमरत्न विजय जी

🔲 मुनिराज ने पिपलौदा से जावरा की ओर किया विहार

🔲 जावरा में श्री मनमोहन पार्श्वनाथ जिनालय ध्वजारोहण में निश्रा प्रदान करेंगे

हरमुद्दा
पिपलौदा, 22 दिसंबर। जो हम अपने हाथ से देंगे, वही साथ में जाएगा।बैंक में रखा पैसा साथ नहीं जाएगा, इसलिए दान कीजिए। इतना भी दान मत दीजिए कि किराए के मकान में रहना पड़े और इतना संग्रह भी मत कीजिए कि नरक में जाना पड़े। अगर सौ रुपए कमाते हो तो पांच रुपए का दान जरूर करो क्योंकि धन की शुद्धि दान से होती है। व्यक्ति जीवन भर करता है ‘धन’..’.धन’…और एक दिन हो जाता है निधन।
यह विचार नगर के श्री वर्धमान जैन स्थानक पर आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनिराज डॉ. संयमरत्न विजय जी म.सा.ने उपस्थित जनसमुदाय में व्यक्त किए।

चिंतन से की गई प्रार्थना से प्रसन्न होते है प्रभु

मुनिराज ने कहा कि पिता को पतंग की डोर की तरह होना चाहिए। पतंग उड़ती रहे, इसके लिए जरूरी है कि डोर तनी रहे व कभी ढीली रहे। हरदम ढील गड़बड़ है। हरदम तनाव भी गड़बड़ है। जीवन को ऊंचा उठाना है तो संतान पर निग्रह व अनुग्रह जैसे दोनों गुण होना चाहिए। संतान को माता पिता के उपकार कभी नहीं भूलना चाहिए व उनकी आज्ञा का पालन करना चाहिए क्योंकि जीवन मे आज्ञा का बहुत महत्च है। जिस प्रकार पिता अपने बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते है उसी प्रकार गुरु भी अपने शिष्य को सही मार्ग दिखाते है। जब तक हमारे मन, वचन व काया में एकाग्रता नहीं होगी हमारी साधना सफल नहीं हो सकती। प्रार्थना चिंता से नही चिंतन से होती है, चिंतन से की गई प्रार्थना से प्रभु प्रसन्न होते है।संपूर्ण शुद्ध भाव से यदि प्रार्थना की जाए तो निश्चित ही उसका प्रभाव दिखता है।

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प्रभु तुम्हारे वैभव और विलासिता को नहीं देखते

आप बड़े आदमी हैं और आपके घर नौकर- चाकर, गाड़ी-घोड़ा सब हैं तब भी आपको मंदिर पैदल ही जाना चाहिए, हो सके तो पैदल भी नंगे पैर जाना चाहिए। क्योंकि प्रभु तुम्हारे वैभव और विलासिता को नहीं देखते वरन् तुम्हारे त्याग और साधना को देखते हैं। सुख-सुविधाओं को छोड़कर प्रभु के द्वार पर जाओगे तो कृपा-दृष्टि की वृष्टि अवश्य होगी। वीतरागी परमात्मा को विलासी जीवन कतई पसंद नहीं है।

यह थे मौजूद

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इस अवसर पर श्री संघ अध्यक्ष बाबूलाल धींग, उपाध्यक्ष नरेंद्र जैन, वरिष्ठ रमेशचन्द्र बाबेल, नवयुवक परिषद अध्यक्ष महेश बोहरा, नवयुवक परिषद राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रफुल्ल जैन, तरुण परिषद राष्ट्रीय महामंत्री हर्ष कटारिया, वाटिका ट्रस्टी मुकेश रॉयल, अशोक बोहरा, जयंती लाल गांधी, ऋषभ धींग, सौरभ चन्द्रावत, हिमांशु पटवा, कुलदीप गांधी आदि समाजजन उपस्थित थे। संचालन नवयुवक परिषद प्रांतीय उपाध्यक्ष राकेश जैन ने किया।

जावरा की ओर किया विहार

श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ धाम से डॉ. संयमरत्न विजय जी म.सा.व मुनिराज भुवनरत्न विजय जी म.सा.ने मंगलवार दोपहर में जावरा की ओर विहार किया जहां 25 दिसंबर, मौन एकादशी को जावरा में श्री मनमोहन पार्श्वनाथ जिनालय की 20 वीं वर्षगांठ पर ध्वजारोहण के कार्यक्रम में अपनी निश्रा प्रदान करेंगे।

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