लोकसभा चुनाव: मतदान के लिए छुट्टी व वेतन नहीं दिया तो निजी संस्थानों की खैर नहीं
हरमुद्दा
रतलाम/भोपाल, 30 मार्च। लोकसभा चुनाव में मतदान करने के लिए शासकीय सेवक मतदाताओं को अवकाश मिलेगा, लेकिन निजी संस्थानों भी मतदान के लिए अवकाश देना चुनाव आयोग ने अनिवार्य किया है। जो भी इस आदेश का पालन नहीं करेगा, उनकी खैर नहीं, उसे सजा और जुर्माना होगा। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में चार चरणों में मतदान होगा। रतलाम में 19 मई को मतदान होगा। वहीं मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए 29 अप्रैल से मतदान शुरू होगा।
ज्ञातव्य है कि लोकसभा चुनाव के चौथे चरण और प्रदेश के पहले चरण में 29 अप्रैल को सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा में मतदान होगा। 6 मई को टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, होशंगाबाद, बैतूल में मतदान होगा। 12 मई को मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल, राजगढ़ में मतदान होगा। 19 मई को देवास, उज्जैन, मंदसौर, झाबुआ रतलाम, धार, इंदौर, खरगोन, खंडवा में मतदान होगा।
तो भी वेतन देना होगा
चुनाव आयोग के आदेश के मुताबिक सभी निजी प्रतिष्ठानों, दुकानों, औद्योगिक उपक्रमों आदि को अपने कामगारों को मतदान के दिन अवकाश देना होगा, ताकि वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। इसके लिए वे उनका वेतन भी नहीं काट सकेंगे। यदि कोई कामगार इस आधार पर नियोजित है कि उसे सामान्यतया किसी ऐसे दिन के लिए वेतन नहीं मिलेगा तो भी उसे इस अवकाश के दिन का वेतन देना होगा।
उल्लंघन दण्डनीय
इस प्रावधान का अनुपालन नहीं करने पर संबंधित प्रतिष्ठानों को पांच सौ रुपये तक का जुर्माना देना होगा तथा यह दंडनीय भी होगा। कार्मिक विभाग ने इस संबंध में भी आदेश हाल ही में जारी किए है। कोई भी नियोक्ता यदि ऐसा नहीं करता है तो इसकी शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी को की जाए।