परिवार की सुख समृद्धि और खुशहाली के लिए शीतला माता पूजन होगा रविवार को
🔲 दशा माता का व्रत उत्सव मंगलवार
हरमुद्दा
रतलाम, 3 अप्रैल। परिवार की सुख समृद्धि और खुशहाली के लिए महिलाओं द्वारा रविवार को शीतला माता का पूजन अर्चन किया जाएगा। दशा माता का व्रत उत्सव मंगलवार को किया जाएगा। महिलाओं का कहना है कि तथाकथित पंडितों ने भ्रांतियां फैला कर शनिवार को पूजन करने करने की सलाह दे दी।
ज्योतिषाचार्य पंडित दुर्गाशंकर ओझा व शैलेंद्र ओझा ने हरमुद्दा को बताया कि दशकों से ज्योतिषाचार्य द्वारा उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शंकर व्यास के महाकाल पंचांग को ही मान्यता दी जा रही है। जिसके अनुसार शीतला माता का उत्सव रविवार 4 अप्रैल को करना ही श्रेष्ठ है। शनिवार को पूजन करना उचित नहीं है। दशामाता का व्रत उत्सव 6 अप्रैल मंगलवार को किया जाएगा।
समाज को सही दिशा दे, नहीं करें दिग्भ्रमित
पंडित ओझा ने बताया कि ज्योतिषियों का कार्य समाज को सही दिशा देना है दिग्भ्रमित करना नहीं। तथाकथित पंडितों द्वारा समाज में हिंदू धर्म के प्रति भ्रम फैलाया जा रहा है और उत्सव की उपेक्षा की जा रही है। जो मैंने पंचांग है, उसी के अनुसार ज्योतिषाचार्य को समाज में सही जानकारी देना चाहिए। तथाकथित लोगों द्वारा संपादित पंचांग के आधार पर समाजजनों को दिग्भ्रमित नहीं करना चाहिए। इससे व्रत उत्सव करने वाले धर्म प्रेमियों की भावना आहत होती है।
धर्म और शास्त्र सम्मत दें जानकारी
महिला सुशीला देवी, केसरबाई, मनोरमा देवी आदि महिलाओं का कहना है कि आजकल पंडितों में सामंजस्य नहीं रहा है इस कारण अलग-अलग बातें करने लगे हैं। अपना नाम बढ़ाने के लिए वे गलत जानकारियां दे रहे हैं, यह उचित नहीं है। धर्म और शास्त्र सम्मत बातें ही उन्हें बतानी चाहिए। पहले ही धर्म के प्रति लोगों की आस्था कम हो रही है ऐसे में धर्म के मामले में समाज का सही मार्गदर्शन करना ही उनका ध्येय होना चाहिए। अपनी तूती बजाने के लिए नहीं होना चाहिए।
शुक्रवार को ही जमकर खरीदारी
शुक्रवार रात 10:00 बजे से सोमवार सुबह 6:00 बजे तक के लिए लगे 56 घंटे के लॉकडाउन के चलते। शहर वासियों ने। शुक्रवार को सुबह से शाम तक शीतला माता पूजन के लिए सामग्री की खरीदारी की बाजार में मूंग, चने, चावल, मक्का आदि के पापड़ की खरीदारी हुई। इसके अलावा पूजन सामग्री सहित व्यंजन बनाने के लिए सामग्री की खरीदारी जमकर हुई। शनिवार को परिवार की परंपरा के अनुसार माता रानी को चढ़ाने के लिए घरों में गुजिया, खाजा, पापड़ी, पारे, गणि, सहित अन्य अन्य व्यंजन बनाने का कार्य शुरू हो गया। शाम को घरों में रविवार के लिए भोजन बनाया जाएगा। ताकि रविवार को सुबह और शाम भोजन कर सके। उल्लेखनीय है कि शीतला माता उत्सव वाले दिन घरों में गर्म भोजन सामग्री नहीं बनाई जाती है। माता रानी को ठंडा ही प्रसाद चढ़ाया जाता है। उसी परंपरा का निर्वाह रविवार को किया जाएगा।