75 साल बाद भी वही हालात : चारों ओर महंगाई का शोर, सत्ताधीश मौन, दमनकारी कानून, आदेशों की अवेहलना कर रहे मालिक
16 जुलाई 1946 को हुए थे पांच युवा शहीद
शहीदों को दी श्रद्धांजलि
हरमुद्दा
रतलाम, 16 जुलाई। वर्तमान दौर में भी हालत पूर्ववत ही है। चारों ओर महंगाई का शोर और सत्ताधीश मौन, दमनकारी कानून, आदेशों की अवेहलना करते मालिक कोरोना काल के वेतन में कटौती और चुने हुए प्रतिनिधि भी उन्हीं का प्रतिनिधित्व कर रहे। ऐसा प्रतीत होता है कि ऐसे में सांझा संघर्ष तेज़ करना होगा।
यह विचार एडवोकेट शांतिलाल मालवीय ने व्यक्त किए। श्री मालवीय श्रम संगठनों की संयुक्त समिति व शहीद दिवस आयोजन समिति कार्यक्रम में मौजूद थे। समिति के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को शहर के समस्त श्रम संगठनों ने इतिहास में दर्ज़ 16 जुलाई 1946 को 5 शहीदो को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
बर्बरतापूर्ण तरीको से भून दिया गोलियों से
श्री शर्मा ने बताया कि मिलबन्दी, महँगाई, राशन में कटौती के विरुद्ध संघर्षशील जनता को साम्राज्यवाद, पूंजीवादी व सामंती शक्तियों ने बर्बरतापूर्ण तरीको से गोलियों से भून दिया गया। फलस्वरूप मेहनत कस जनता के पांच लड़के शहीद हुए।
मांगीलाल
सूरजमलदसऊ ठाकुर
नसीर बांसवाड़ा वाला
अब्दुल रशीद
मंगलसिंह।
इन्होंने किए विचार व्यक्त
सभा को सीटू के एम एल नगावत, पोस्टल इंटक के भवरसिंह ,एम्प्लाइज संघ के आई एल पुरोहित, कीर्ति शर्मा, गीतादेवी राठौड़ व समग्र शिक्षक संघ के चरणसिंह ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर मनोज असाटी, किशोर सिंह, रमेश शर्मा, एम आर संघ के साथियों ने जोरदार नारेबाजी की। सभा का संचालन कॉमरेड हरिश सोनी ने किया। आभार कॉमरेड कमलेश देशमुख ने माना।