मजदूर हुआ था घायल : नागदा- बिड़ला कंपनी ग्रेसिम केमिकल डिवीजन यूनिट हेड के खिलाफ प्रकरण दर्ज
सीजेएम न्यायालय उज्जैन में दो के खिलाफ कार्रवाई
कैलाश सनोलिया
नागदा, 12 अगस्त। उज्जैन जिले के नागदा में संचालित ग्रेसिम केमिकल डिवीजन उद्योग प्रबंधक के खिलाफ एक बार फिर प्रकरण दर्ज हुआ। उद्योग में एक मजदूर की गंभीर दुर्घटना पर स्थानीय यूनिट हेड अर्थात प्रबंधक प्रेम तिवारी के खिलाफ नामजद प्रकरण पंजीबद्ध हुआ। साथ ही कारखाना अधिभोगी ओमप्रकाश रुंगटा का नाम भी शामिल है। सीजेएम न्यायालय उज्जैन में दोनों के खिलाफ यह कार्रवाई हुई है।
न्यायालय में दोनों के खिलाफ औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग संभाग उज्जैन कारखाना निरीक्षक के द्धारा परिवाद दायर करने पर यह कार्यवाही हुई है। अदालत ने दोनों के नाम नोटिस भी जारी कर दिए ।
उपसंचालक ने की पुष्टि
औद्योगिक स्वाथ्य एवं सुरक्षा विभाग के संभागीय उपसंचालक अरविंद कुमार शर्मा ने गुरुवार दोपहर को जर्नलिस्ट से प्रत्यक्ष बातचीत में इस प्रकार की कार्रवाई की पुष्टि की है। संभागीय कार्यालय उज्जैन में उपसंचालक शर्मा ने जर्नलिस्ट सवालों का रूबरू में इस कार्यवाही से जुड़े अनेक प्रश्रों का खुलासा किया। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि सीजेएम न्यायालय ने बुधवार को प्रकरण को स्वीकृत कर दोनों अभियुक्त गणों के खिलाफ नोटिस भी जारी कर दिए है। प्रकरण क्रमांक आरसीटी/ 1872/ 21 आबंटित हुआ है।
जमानत के लिए 20 सितंबर की तय
मिली जानकारी के अनुसार मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी उज्जैन ने जारी नोटिस में प्रकरण की अगली पेशी 20 सितंबर 2021 की तिथि तय की है। बताया जा रहा है कि यह पेशी दोनों की जमानत के लिए मुकर्रर है। विभाग ने अदालत जाने का यह कदम घटना स्थल से साक्ष्य जुटाने तथा श्रमिकों के बयान लेने की बाद उठाया है। प्रकरण में दुर्घटना स्थल पर औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग द्धारा 27 मई , 14 जून एवं 5 जुलाई 2021 को जांच करने की जानकारियां मिली है।
यह है मामला
मिली जानकारी के अनुसार उद्योग में 25 मई 2021 को एक श्रमिक भीमसेन पिता रामलायक गंभीर दुर्घटना का शिकार हुआ था। गंभीर हालत में उसे इंदौर के एक निजी चिकित्सालय में उपचार के लिए भेजा गया। प्रमाणिक एवं पुष्ट जानकारी के अनुसार ग्रेसिम इंड्स्टीज लिमिटेड कास्टिक सोड़ा म्रम्बेन सेल यूनिट-2 बिड़लाग्राम में यह दुर्घटना हुई थी। श्रमिक भीमसेन कार्य के दौरान फलेकर ड्रम पर लगी स्केपर ब्लेड को रिपेयर करने के वक्त स्केपर ब्लेड और फलेकर ड्रम के बीच उसका बाया हाथ फंस जाने से तीन उंगलिया क टी और गंभीर हादसा हुआ। बताया जा रहा हैकि कुछ माह पहले भी गोवर्धन पिता नानुराम नामक मजदूर की दुर्घटना पर दोनों प्रबंधकों के खिलाफ प्रकरण कायम हुआ था।
इन धाराओं में कार्रवाई
इस पूरेे प्रकरण से संबधित विभिन्न जानकारियों को जर्नलिस्ट ने अपने स्रोतों से जुटाया है। विभाग की जांच में यह बात सामने आई कि मप्र कारखाना नियमावली के नियम 73 ई का उल्लघंन प्रबंधन ने किया है। जब श्रमिक भीमसेन जो कार्य कर रहा था, वह काफी जोखिम भरा था। इस कार्य के लिए सुरक्षित कार्य संस्कृति को नहीं अपनाया गया। जिम्मेदार प्रबंधन ने यह सुनिश्चित नहीं किया कि कार्य पद्धति सुरक्षा के लिहाज सेश्रमिकों के लिए सुरक्षित है। साथ ही यह भी बात सामने आई कि कारखाना अधिनियम 1948 की धारा 7 ए. 2 बी का उल्घंन भी किया गया। श्रमिक जब कार्य कर रहा था तब वह अकेला था। उसकी सहायता एवं देखरेख के लिए सुपरवाईजर मौके पर नहीं था। ऐसी स्थिति में यह पूरा प्रकरण कारखाना अधिनियम की धारा 92 में दंडनीय अपराध प्रथम दृष्टया सामने आया है। इस प्रकरण में अभियुक्तों को दंडित करने की मांग के साथ- साथ जो भी उल्लघंन हुए उनको दूर करने की मांग अदालत से की गई है।