हरमुद्दा की खबर का असर : मच्छर ने बढ़ाई मुख्यमंत्री की चिंता, भोपाल, इंदौर, रतलाम, मंदसौर, जबलपुर में डेंगू का प्रकोप
मुख्यमंत्री ने जिम्मेदारों से कहा दे विशेष ध्यान
डेंगू के उपचार के लिए जिला अस्पतालों में 10 बिस्तर का बनाए आइसोलेशन वार्ड
हरमुद्दा
भोपाल, 10 सितंबर। प्रदेश में डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज की चिंताएं बढ़ गई है। मुख्यमंत्री ने खास तौर पर मंदसौर, जबलपुर, रतलाम, आगर मालवा, भोपाल, छिंदवाड़ा, इंदौर जिलों के कलेक्टरों को डेंगू को लेकर विशेष ध्यान देने के लिए कहा है। रतलाम और राजधानी सहित प्रदेश भर में डेंगू के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। ओपीडी में शीघ्र परीक्षण एवं डेंगू की जांच हेतु सुविधा की मॉनिटरिंग करते रहे। डेंगू के रोगियों के उपचार हेतु जिला अस्पतालों में 10 बिस्तर का आइसोलेशन वार्ड सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अधिकारियों की बुलाई तत्काल बुलाई बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए समुचित व्यवस्था और प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं ताकि डेंगू के प्रकोप पर नियंत्रण किया जा सके। आमजन की सेहत का ध्यान रखा जा सके।
उल्लेखनीय है कि हरमुद्दा ने डेंगू बीमारी के इफेक्ट को लेकर 9 सितंबर को ” डेंगू इफेक्ट : मच्छर की या जिम्मेदारों की वजह से बीमारी बन रही है महामारी ? शीर्षक से खबर का प्रसारित की है।
पढ़िए खबर : डेंगू इफेक्ट : मच्छर की या जिम्मेदारों की वजह से बीमारी बन रही है महामारी ? https://harmudda.com/?p=35158
शासकीय चिकित्सालय में फीवर क्लीनिक का क्रियान्वयन तेजी से करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय चिकित्सालयों में फीवर क्लिनिक का क्रियान्वयन तेजी से शुरू हो एवं नियमित समीक्षा करें। ओपीडी में शीघ्र परीक्षण एवं डेंगू की जांच हेतु सुविधा की मॉनिटरिंग करते रहे।
डेंगू के रोगियों के उपचार हेतु जिला अस्पतालों में 10 बिस्तर का आइसोलेशन वार्ड सुनिश्चित किया जाए। भारत सरकार की स्टैण्डर्ड ट्रीटमेंट अनुसार डेंगू का लाक्षणिक उपचार की व्यवस्था की गई है।
जिलों में कलेक्टर रैपिड रिस्पांस टीमों का करें गठन
अतिरिक्त दल गठित कर रैपिड फीवर सर्वे एवं वेक्टर कंट्रोल गतिविधियां शुरू करें। प्रभावित क्षेत्र में वाहक मच्छरों की वृद्धि के स्रोत में कमी लाने हेतु प्रयास करें।
आमजन भी रखें ध्यान
7 दिनों से अधिक समय तक किसी भी स्थान पर जलजमाव न हो।
कूलर, टंकी, खाली प्लाट, गड्डों इत्यादि की नियमित सफाई करते रहे।
मच्छर के लार्वा शून्य होने तक प्रभावित क्षेत्रों में एंटीलारवल गतिविधियां चलती रहे।
लार्वा नियंत्रण हेतु टेमीफोस, बीटीआई जैसे एंटीलार्वल रसायन का उपयोग किया जाए।
फॉगिंग एवं छिड़काव हेतु पर्याप्त मात्रा में क्रियाशील कम्प्रेसर पंप, फॉगिंग मशीन इत्यादि की उपलब्धता करें।
प्रभावित क्षेत्रों में रसायन साइफेनोथ्रिन 5% द्वारा आउटडोर फॉगिंग कार्य करें।
कीटनाशक पायरेथर्म 2% द्वारा डेंगू पॉजिटिव रोगी के घर के आसपास 400 मीटर के क्षेत्र में स्थित 50 घरों में स्पेस स्प्रे।
आमजन को पूरी बाह के कपडे तथा बुखार प्रभावित रोगिओं को एलएलआईएन/बेड नेट का प्रयोग करने की सलाह दे।
डेंगू रोग से बचाव एवं नियंत्रण संबंधित गतिविधियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
ग्रामीण क्षेत्र में ले इनका सहयोग
लार्वा सर्वे एवं फोगिंग कार्य हेतु ग्रामीण क्षेत्रो में आशा,आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत कर्मी तथा शहरी क्षेत्रो में नगरीय प्रशासन, नगर पालिक, निगम का सहयोग ले । जिले में आयुष्मान भारत अंतर्गत डेंगू के रोगियों का निशुल्क उपचार की व्यवस्था करें।