नई शिक्षा नीति : प्राथमिक शिक्षकों का प्रशिक्षण आज से, तर्क समझाने के लिए कौशल करेंगे विकसित

 पढ़ने, लिखने और संख्या की समझाई जाएगी अवधारणा

हरमुद्दा
पिपलौदा, 1 अक्टूबर। प्राथमिक शालाओं में पढ़ने वाले बच्चों  में मूलभूत साक्षरता एवं संख्या  ज्ञान को मजबूत करने के लिए 12 प्रशिक्षणों की श्रंखला (Series of trainings) 1 अक्टूबर  से प्रारंभ हो रही है। इसमें खेल, खोज तथा गतिविधियों को बच्चों  के दैनिक जीवन की स्थितियों से जोड़कर एक समावेशी कक्षा का वातावरण बनाए जाने का लक्ष्या रखा गया है। इन प्रशिक्षणों से शिक्षक बच्चों को स्वततंत्र पाठक तथा लेखक बनाने, संख्याओ, माप, आकार तथा तर्क को समझाने के लिए कौशल को विकसित (Develop skills) करने में सक्षम होंगे।

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थाान के प्राचार्य डॉ.नरेन्द्र गुप्ता ने हरमुद्दा को बताया कि राज्य  शिक्षा केन्द्र  तथा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण के सहयोग से नवीन शिक्षा नीति के अनुरूप प्राथमिक शालाओं के शिक्षकों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रारंभ किया जा रहा है।

दीक्षा एप में होने वाले इस प्रशिक्षण में जिले के 3717 शिक्षक करेंगे सहभागिता

दीक्षा एप में होने वाले इस प्रशिक्षण में जिले के 3717 शिक्षक सहभागिता करेंगे। 12 प्रशिक्षणों की इस श्रंखला में प्रतिमाह 2 कोर्स पूर्ण करना होंगे। 31 मार्च को प्रशिक्षण पूर्ण होंगे। यह प्रशिक्षण शाला समय के अतिरिक्त  तथा अवकाश के दिनों में पूर्ण करना होंगे। प्रशिक्षण की गुणवत्ता  जांचने के लिए मूल्यांकन प्रश्नावलि में 70 प्रतिशत से कम अंक पाने वाले शिक्षकों को प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा।

विशेषज्ञों की क्षमता में भी इन प्रशिक्षणों से होगी वृद्धि

जिला परियोजना के अका‍दमिक समन्वयक चेतराम टांक ने बताया कि बच्चों को मातृभाषा में उच्च गुणवत्ता और सांस्कृतिक रूप से उत्तरदायी शिक्षण सामग्री का प्रभावी उपयोग करने में सक्षम बनाया जाएगा। सभी शिक्षकों प्रधानाध्यांपकों तथा विषय विशेषज्ञों की क्षमता में भी इन प्रशिक्षणों से वृद्धि होगी। इनके लिए राज्य  तथा जिला स्तर से शैक्षिक संवाद के माध्यम से जिला तथा राज्य स्रोत दल के सदस्य शिक्षकों का उन्मूखीकरण करेंगे। यह प्रशिक्षण प्राथमिक शालाओं के सभी शिक्षकों को लेना अनिवार्य होगा, इसकी राष्ट्रीय स्तर से मॉनिटरिंग की जाएगी। प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले शिक्षकों को 1 हजार रूपए प्रदान किए जाएंगे।

खिलौना आधारित शिक्षा शास्त्र के समझाएंगे प्रयोग


जिला परियोजना समन्वयक मोहनलाल सांसरी ने बताया कि प्रशिक्षण की तैयारियों के लिए राज्य स्तर से विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उन्मूखीकरण किया गया। यु ट्युब के माध्यम से होने वाले इस प्रशिक्षण में कक्षा 1 से 5 पढ़ाने वाले सभी शिक्षक, एपीसी, प्रोगामर, बीआरसीसी, बीएसी तथा जनशिक्षक सहभागिता करेंगे। प्रशिक्षण के अक्टूबर माह में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान मिशन का परिचय तथा दक्षता आधारित शिक्षा की ओर बढ़ने की जानकारी प्रदान की जाएगी। नवंबर माह में बच्चे  कैसे सीखते हैं तथा विद्या प्रवेश और बालवाटिका पर समझ के संबंध में बताया जाएगा। दिसंबर माह में बुनियादी भाषा एवं साक्षरता तथा बुनियादी संख्या व ज्ञान समझाया जाएगा। जनवरी माह में सीखने का आंकलन और साक्षरता व संख्याा ज्ञान में अभिभावकों तथा समुदाय की भागीदारी की जानकारी दी जाएगी। फरवरी माह में सीखने सीखने में आईसीटी के उपयोग बताए जाएंगे। मार्च माह में नेतृत्व के सुदृढ़ीकरण की अवधारणा, अनुप्रयोग तथा खिलौना आधारित शिक्षा शास्त्र के प्रयोग समझाए जाएंगे।

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