‘युगा – द जर्नी ऑफ लव’: छोटे बैनर की बड़ी फ़िल्म, प्रभावी और दमदार

 कलाकारों ने अभिनय की छाप छोड़ी अमिट

संजय परसाई ‘सरल’

युगा – द जर्नी ऑफ लव’ (‘Yuga – The Journey of Love’) कलाकार मुकेश व्यास द्वारा अभिनीत, निर्मित व निर्देशित दूसरी फिल्म है। मुकेश व्यास की पहली फ़िल्म ‘एमटीनेस तेरे बिना’ की तरह ‘युगा’ को भी  दर्शकों का भरपूर प्यार मिला है। ‘युगा’ एक पुनर्जन्म पर आधारित फ़िल्म है,जिसमें समय – समय पर दो जन्मों की कहानियां साथ-साथ चलती है। फ़िल्म में जन्मों-जन्मांतर का साथ ‘युगा व रत्ना’ नामक पात्रों का बताया गया है।

‘युगा’ की शुरुआत पूर्व जन्म से होती है जो अन्य जन्मों में तब्दील होती चली जाती है। कबीले में जन्मे युगा व रत्ना अमिट प्रेम की धरोहर है जिसे समाजिक  मान्यता नहीं  मिलने पर कबीला छोड़ भाग जाते है।  सूर्या जो रत्ना  को तहेदिल से चाहता है दोनों के खून का प्यासा हो जाता है औऱ यही क्रम अगले जन्मों में भी जारी रहता है।
फ़िल्म की सबसे रोचक बात है कि प्रेम आधारित फिल्म होने के बावजूद इसमें किसी आइटम सांग को स्थान नहीं दिया गया है। राष्ट्र भक्ति की अलख जगाते हुए जिम्नास्टिक पर केन्द्रित वन्देमातरम गीत का फिल्मांकन दर्शकों में राष्ट्रभक्ति का जोश भर देता है। मध्यप्रदेश के गांधी सागर ,महेश्वर,उज्जैन सहित अन्य स्थानों पर शुट इस फ़िल्म में रतलाम सहित आसपास क्षेत्र के दो सौ से अधिक कलाकारों ने अपनी अभिनय की अमिट छाप छोड़ी है।
साथ ही फ़िल्म के सभी गीत कर्णप्रिय लगते  है। फ़िल्म का संगीत व गीत मन को मोहते है। क्षितिज व्यास ने जिस काबिलियत से फ़िल्म की एडिटिंग व संगीत दिया है वह तारीफेकाबिल है। संगीत सुनने पर महसूस होता है कि फ़िल्म में किसी अनुभवी व मंझे हुए म्यूजिक डायरेक्टर ने  संगीत दिया है।  क्षितिज अभिनेता मुकेश व्यास के बेटे है और ‘युगा’ इनकी दूसरी फिल्म है। मुकेश जी की पहली फ़िल्म में भी एडिटिंग व संगीत संयोजन क्षितिज का ही था।
फ़िल्म में दो कहानियां एक साथ चलने से दर्शकों को समझने में थोड़ी उलझन सी लगती है लेकिन अंत में जाकर दर्शक इस उलझन से मुक्त हो जाते है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि ‘युगा – द जर्नी ऑफ लव’ एक छोटे बैनर की बड़ी फिल्म है,जिसे बड़े बैनर की फिल्मों से कमतर नहीं आंका जा सकता। मुकेश व्यास ने सीमित संसाधनों के बीना पर  एक अच्छी फिल्म दर्शकों को दी है। इसके लिए वे बधाई के पात्र है।
          
संजय परसाई ‘सरल’
118, शक्तिनगर, गली न. 2,
रतलाम (मप्र)
मोबा. 98270 47920

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