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कोरोना कर्फ्यू की परंपरा निरंतर : सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन, मेले पर प्रतिबंध

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 जिले में रात्रि 11 बजे से प्रातः 6 बजे तक प्रभावी रहेगा नाईट कर्फ्यू

 प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

हरमुद्दा
रतलाम, 1 अक्टूबर। अप्रैल से चल रही कोरोना कर्फ्यू की परंपरा लॉकडाउन के पश्चात रात्रिकालीन कर्फ्यू (Night curfew) में तब्दील हो गई, वह निरंतर जारी रहेगी। उसमें कोई छूट नहीं की गई। कलेक्टर ने 31 अक्टूबर तक के लिए रात्रिकालीन कर्फ्यू की अवधि को बढ़ा दिया है। सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन, मेले सहित अन्य आयोजन प्रतिबंधित रहेंगे। बिना अनुमति के 6 व्यक्ति एक साथ मौजूद नहीं रह सकेंगे।

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कुमार पुरुषोत्तम द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं। आगामी 31 अक्टूबर की प्रात 6 बजे तक के लिए लागू प्रतिबंधात्मक आदेशों के तहत रतलाम जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र में रात्रि 11 बजे से प्रातः 6 बजे तक नाईट कर्फ्यू प्रभावी रहेगा।

कोविड प्रोटोकाल का पालन करना बंधनकारी

जारी आदेश के अनुसार सभी सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन, मेले आदि जिनमें जनसमूह एकत्रित होता है, प्रतिबंधित रहेंगे। स्कूल, कालेज खोले जाने के सम्बन्ध में पूर्व में जारी आदेश में प्रदत्त दिशा-निर्देश यथावत प्रभावशील रहेंगे। सभी धार्मिक, पूजा स्थल खुल सकेंगे किन्तु एक समय में 06 से अधिक व्यक्ति उपस्थित नहीं रह सकेंगे तथा उपस्थितजनों को कोविड प्रोटोकाल का पालन करना बंधनकारी होगा।

चल समारोह निकालने की अनुमति नहीं

आगामी पर्व 7 अक्टूबर नवरात्रि एवं अन्य त्यौहारों के मद्देनजर जुलूस, चल समारोह आदि जिनमें अधिक मात्रा में आमजन इकट्ठे होते हैं तो वर्तमान परिवेश में कोरोना वायरस बीमारी के चलते लोगों के स्वास्थ्य एवं जान-माल को हानि पहुंचा सकते हैं, अतः इस प्रकार की गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा। मूर्ति का विसर्जन संबधित आयोजन समिति द्वारा किया जाएगा। विसर्जन स्थल पर ले जाने के लिए अधिकतम 10 व्यक्तियों के समूह की अनुमति होगी। इसके लिए आयोजकों को पृथक से जिला प्रशासन से लिखित अनुमति प्राप्त किया जाना आवश्यक होगा। कोविड संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए धार्मिक, सामाजिक आयोजनों के लिए चल समारोह निकालने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए सामूहिक चल समारोह भी अनुमत्य नहीं होगा। लाउड स्पीकर बजाने के सम्बन्ध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी गाइड लाइन का पालन किया जाना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थानों पर कोविड संक्रमण से बचाव के तारतम्य में झांकियों, पाण्डालों, विसर्जन के आयोजनों में श्रद्धालु, दर्शक फेस कवर, सोशल डिस्टेंसिंग एवं सेनेटाइजर का प्रयोग के साथ ही राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों का कडाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

तो दुकानों को कर दिया जाएगा सील

सभी सार्वजनिक व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कोविड-19 के प्रोटोकाल (फेस मास्क, सेनिटाईजर, दो गज की दूरी, गोले बनाना व रस्सी बांधना) का पालन करना अनिवार्य होगा। इसके उल्लंघन पर संबंधित प्रतिष्ठान के संचालक पर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी व संबंधित प्रतिष्ठान को सील किया जा सकेगा। प्रतिष्ठान के मालिक, प्रबंधकों द्वारा यह प्रयास किया जाए कि उनका स्वयं का तथा प्रतिष्ठान पर कार्यरत समस्त कर्मचारियों का वैक्सीनेशन हो चुका हो। उल्लंघन की स्थिति में भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाएगी।

उद्योग पूर्ण क्षमता पर करेंगे कार्य

समस्त प्रकार की दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, निजी कार्यालय, शापिंग माल, जिम अपने नियत समय तक खुल सकेंगे। सिनेमाघर एवं थिएटर कुल क्षमता के 50 प्रतिशत की सीमा तक संचालित किए जा सकेंगे। सिनेमाघर संचालक को कोविड 19 प्रोटोकाल का पालन करना सुनिश्चित करना होगा। समस्त वृहद, मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग अपनी पूर्ण क्षमता पर कार्य कर सकेंगे तथा निर्माण गतिविधियां सतत् चल सकेंगी। जिम एवं फिटनेस सेन्टर 50 प्रतिशत क्षमता पर कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए खुल सकेंगे। समस्त खेलकूद के स्टेडियम खुल सकेंगे किन्तु खेल आयोजनों में दर्शक शामिल नहीं हो सकेंगे।

रेस्टोरेंट्स केवल रात 10बजे तक रह सकते हैं खुले

समस्त रेस्टोरेंट एवं क्लब 100 प्रतिशत क्षमता से कोविड 19 प्रोटोकाल की शर्त का पालन करते हुए रात्रि 10 बजे तक खुल सकेंगे। जिले में विवाह आयोजन में दोनों पक्षों को मिलाकर अधिकतम 100 लोगों की उपस्थिति की ही अनुमति रहेगी। इस प्रयोजन के लिए आयोजक को संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी एवं थाना प्रभारी को अतिथियों के नाम की सूची आयोजन से पूर्व प्रदाय करना आवश्यक होगा। इस हेतु सूची के साथ अनुमति के लिए आवेदन सात दिवस पूर्व देना होगा। समस्त सहभागियों को दो दिवस पूर्व आरटीपीसीआर अथवा आरएटी करवाना अनिवार्य होगा। अधिकतम 50 लोगों के साथ अंतिम संस्कार की अनुमति रहेगी। गतिविधियों के अलावा किसी भी स्थान पर 6 से अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध रहेगा। जहां पर स्पष्ट रुप से 6 से अधिक व्यक्तियों की अनुमति दी जाती हो, वहां यह छूट रहेगी। अन्तरराज्यीय तथा राज्यांतरिक व्यक्तियों, माल एवं सर्विसेज का आवागमन निर्बाध रहेगा।

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