रक्त में मौजूद आरबीसी, डब्ल्यूबीसी, प्लाज्मा एवं प्लेटलेट्स से बचाई जा सकती है लोगों की जान, सभी करें रक्तदान

🔲 2 लीटर अतिरिक्त रक्त होता है मानव शरीर में

🔲 केवल 350 ml ही होता है रक्तदान

🔲 राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर कन्या महाविद्यालय में हुए विभिन्न कार्यक्रम

हरमुद्दा
रतलाम, 1 अक्टूबर। मानव शरीर में 5 लीटर रक्त होता है जिसमें से 2 लीटर अतिरिक्त होता है। इसमें से भी सिर्फ 350ml तक ही रक्तदान कर पाते हैं। हमारे रक्त में आरबीसी डब्ल्यूबीसी प्लाज्मा एवं प्लेटलेट्स होते हैं, जिसकी आवश्यकता कई वजह से रोगियों को होती है। सामान्यतः पुरुषों में हिमोग्लोबिन (Hemoglobin) का स्तर 12 से 18 एवं महिलाओं में 15 तक पाया जाता है। सबसे अधिक रक्त की आवश्यकता महिलाओं को ही होती है। रक्तदान करने की उम्र 18 वर्ष से शुरू हो जाती है। सभी स्वस्थ लोगों को रक्तदान करना चाहिए।

यह बात मानव सेवा समिति के गोविंद काकानी ने कही। श्री काकानी कन्या महाविद्यालय में स्वैच्छिक रक्तदान दिवस एवं गांधी जयंती के पूर्व दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे।

हुई गीत एवं पोस्टर प्रतियोगिता

रेड रिबन क्लब प्रभारी डॉ. अनामिका सारस्वत ने हरमुद्दा को बताया कि आयोजन महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना, रेड रिबन क्लब, सांस्कृतिक एवं परफॉर्मिंग आर्ट्स क्लब तथा रेड क्रॉस के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर छात्राओं हेतु ‘रक्तदान -महादान’ विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें छात्राओं ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। गांधी जयंती के पूर्व दिवस पर गांधी जी के प्रिय भजन एवं देश भक्ति गीत प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें सभी संकाय की छात्राओं ने उत्साह पूर्वक भाग लेकर अपने गीतों की प्रस्तुति दी।

हीमोग्लोबिन का स्तर उच्च रहता है जीवनशैली और खानपान से

छात्राओं को प्रेरित करते हुए श्री काकानी ने कहा कि आप अपने खानपान एवं जीवन शैली को ऐसा बनाएं कि आपका हीमोग्लोबिन का स्तर हमेशा उच्च बना रहे ताकि आपको कभी रक्त लेने की जरूरत ना पड़े बल्कि आप किसी को जरूरत पड़ने पर रक्तदान कर सकें। रक्तदान से बढ़कर कोई दान नहीं है यह 3 व्यक्तियों की जान बचा सकता है।

रक्तदान के लिए प्रेरित करे छात्राएं : डॉ. कटारे

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर के कटारे ने कहा कि हमारे वेदों में भी दान के बारे में बताया गया है और सबसे बड़ा दान जीवन दान है। मानवता की सेवा रक्तदान के माध्यम से की जा सकती है। रक्तदान के संबंध में समाज में कई भ्रांतियां हैं। छात्राएं स्वयं भी जागरूक हो एवं अन्य लोगों को भी जागरूक कर रक्तदान के लिए प्रेरित करें। वर्तमान समय में गांधी जी के दर्शन और विचारों की बहुत आवश्यकता है।

दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए अतिथि

कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा मां सरस्वती, गांधी जी एवं स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर एवं दीप प्रज्वलित किया गया।

अव्वल रही रिदम मिश्रा

निर्णायक के रूप में डॉ. मंगलेश्वरी जोशी, डॉ. मीना सिसोदिया तथा डॉ. रोहित चावरे थे। प्रतियोगिता में प्रथम रिदम मिश्रा, द्वितीय कु. चंचल सिसोदिया एवं तृतीय कुमारी सोहम जारोली रही। अतिथियों ने विजेताओं को पुरस्कृत किया, वहीं प्रोत्साहन पुरस्कार कविता ओझा को दिया गया।

यह थे मौजूद

आयोजन में उपस्थित प्राध्यापक एवं विद्यार्थी

कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रोफेसर सुषमा कटारे, डॉ अनिल जैन, राष्ट्रीय सेवा योजना की प्रो. नीलोफर खामोशी, सांस्कृतिक क्लब प्रभारी डॉ. बी वर्षा एवं डॉ. स्नेहा पंडित, रेड क्रॉस प्रभारी डॉक्टर रोशनी रावत, डॉ. मधु गुप्ता, डॉ. सुनीता श्रीमाल, डॉ. सरोज खरे, डॉ. माणिक डांगे, प्रोफेसर नारायण विश्वकर्मा, डॉ. सुप्रिया पैठणकर, डॉ. स्वर्ण लता सहित बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थी। संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयं सेविका कुमारी आंचल नागल, निकिता चौधरी एवं डॉ. वर्षा ने किया। लक्ष्य गीत की प्रस्तुति कुमारी महिमा लोदवाल ने दी. आभार कुमारी विन्दति पाटोदिया ने माना।

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