कवि दिनकर की रचनाओं से सच और साहस का मिला प्रकाश

 कवि दिनकर सोनवलकर की 21वीं पुण्यतिथि पर ‘‘व्याख्यान, रचनापाठ और नृत्य नाटिका’ की प्रस्तुति

 दिनकर सृजन संस्थान के आंतरिक परिशिष्ट का विमोचन

हरमुद्दा
इंदौर, 12 नवंबर। प्रसिद्ध कवि दिनकर सोनवलकर ऐसे कवि थे, जिनकी रचनाओं से हमेशा सच और साहस का प्रकाश फैला। यह बात इंदौर में आयोजित स्मृति समारोह में अतिथियों के माध्यम से उभरी। मुख्य अतिथि इंदौर के साहित्यकार प्रो. सरोज कुमार ने कवि दिनकर की वह कविता सुनाई जिसमें उन्होंने लिखा था फाइलों के पैर नहीं होते। वह चांदी के पहियों पर चलती है।

प्रीतमलाल दुआ सभागृह में प्रो. सरोज कुमार ने कहा एक समारोह में कवि से पूछा गया था कि आप किस विधा के कवि हैं, जवाब नहीं आया तो कवि दिनकर ने कहा था सुविधा के। इस तरह उन्होंने कभी भी सच को सामने लाने में संकोच नहीं किया। वे व्यवस्थाओं के विरुद्ध भी निर्भीकता से लिखते और बोलते थे।

साहित्य अकादमी, मप्र संस्कृति परिषद्, भोपाल और दिनकर सृजन संस्थान उज्जैन के संयुक्त तत्त्वावधान में रामविलास शर्मा स्मृति समारोह और दिनकर सोनवलकर की 21वीं पुण्यतिथि पर ‘‘व्याख्यान, रचनापाठ और नृत्य नाटिका’ की प्रस्तुति कार्यक्रम में वे बोल रहे थे।  अध्यक्षता साहित्यकार प्रमोद त्रिवेदी-उज्जैन ने की। विशेष अतिथि सेवा निवृत्त आईएएस और वर्तमान में परामर्शी सलाहकार नर्मदा घाटी विकास, भोपाल अशोक कुमार भार्गव ने कहा दिनकर जी महान कवि थे। उन्होंने समाज और व्यवस्थाओं के लिए लिखा। इसके लिए उन्होंने संघर्ष भी खूब किया। साहित्य अकादमी निदेशक डॉ. विकास दवे ने कहा उन्होंने दिनकर जी को इस कार्यक्रम से जोड़कर एक अनूठा प्रयोग किया है। दिनकर सृजन संस्थान की अध्यक्ष डॉ. पंकजा सोनवलकर, सचिव आलोक गुप्ता भी मंचासीन थे।

प्रतीक व संगीता ने दी गीत की प्रस्तुति

आरंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित किया। नृत्य नाटिका दीक्षा सोनवलकर ने प्रस्तुत की। संयुक्त आयुक्त मप्र शासन व कवि दिनकर के पुत्र प्रतीक सोनवलकर तथा रतलाम की गायिका संगीता जैन ने कविता पर आधारित गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में दिनकर सृजन संस्थान के आंतरिक परिशिष्ट का विमोचन अतिथियों ने किया।

यह थे मौजूद

कार्यक्रम में इंदौर के सीए जयंत गुप्ता, सेवनिवृत्त संयुक्त संचालक शिक्षा बीके शर्मा, एके गर्ग, इंदौर के वरिष्ठ पत्रकार मुकेश तिवारी, मनसा के रंगकर्मी विजय बैरागी, देवास के कहानीकार प्रकाशकान्त, कवि अमेयकांत, स्टेट प्रेस क्लब,मप्र के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल इंदौर के उत्पल बैनर्जी, अपूर्वा जोशी, वीपी रिछारिया, सुनील पाठक, प्रतीक्षा पाठक दिनकर सृजन संस्थान के सह सचिव अजय तिवारी, पत्रकार सुधीर नागर आदि उपस्थित थे। संचालन संस्कृतिकर्मी संजय पटेल ने किया।

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