छात्रा द्वारा सवाल करने पर दी जान से मारने की धमकी : ज्यूस की दुकान पर शिक्षक को देखते ही भाग खड़ा हुआ आरोपी, मिली 3 साल की सजा

 दोनों पढ़ते थे एक ही स्कूल में

हरमुद्दा
रतलाम, 18 नवंबर। स्कूली छात्रा को जबरन मोटरसाइकिल पर बिठाया। छात्रा द्वारा सवाल करने पर जान से मारने की धमकी भी दी और ज्यूस की दुकान पर ले आया है, जहां पर शिक्षक को देखते ही आरोपी भाग खड़ा हुआ। प्रकरण में न्यायाधीश ने आरोपी को 3 साल की सजा सुनाई।

विशेष न्‍यायालय पॉक्‍सो एक्‍ट के योगेन्‍द्र कुमार त्‍यागी ने 18 नवंबर को फैसला सुनाते हुए आरोपी सैफ अली पिता मेहमुद अली उम्र 23 वर्ष निवासी सेमलिया रोड मस्जिद के पास नामली  जिला रतलाम को धारा 363 भादवि एवं 3(2)(VA) एससी-एसटी एक्‍ट में 3-3 साल की सजा सुनाई। साथ ही 1000-1000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। प्रकरण में पैरवी विशेष लोक अभियोजक पॉक्‍सो एक्‍ट गौतम परमार ने की।

यह हुआ था घटनाक्रम

अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने हरमुद्दा को बताया कि 17 वर्षीय नाबालिग 10 फ़रवरी 2015 को पैदल-पैदल स्‍कूल जा रही थी। तभी स्‍कूल के पीछे छात्रावास रोड पर उसी के स्‍कूल में पढने वाला आरोपी सेफ अली कुरैशी मोटर सायकिल लेकर आया और पीडिता के आगे मोटर साईकिल अडा दी और बुरी नियत से उसका हाथ पकड़कर नाबालिग को मोटर साईकिल पर बिठा कर रतलाम ले जाने लगा तो नाबालिग ने उसे कहा कि मुझे कहां ले जा रहे हो तो आरोपी बोला कि अब दुबारा पूछा तो जान से खत्‍म कर दूंगा। ऐसी धमकी देकर आरोपी उसे मोटर सायकिल पर बिठाकर रतलाम ज्‍यूस की दुकान पर ले गया, जहॉ स्‍कूल के शिक्षक आ गए तो उनको देख कर आरोपी वहां से भाग गया।

पुलिस में कराई रिपोर्ट दर्ज

पीडिता द्वारा बतायी गई उक्‍त घटना पर से थाना नामली द्वारा आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रं. 31/2015 धारा 363,354,354सी, 506 भादवि एवं 3(1)11 एससी एसटी एक्‍ट और 7/8 पॉक्‍सो एक्‍ट में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 11 फरवरी 2015 को आरोपी को गिरफ्तार किया गया।

न्यायाधीश ने सुनाया फैसला

अनुसंधान पूर्ण होने के पश्‍चात् अभियोग पत्र 12 मार्च 2015 को विशेष न्‍यायालय एससी एसटी एक्‍ट रतलाम के समक्ष पेश किया गया। अभियोजन द्वारा साक्षियों के मौखिक एवं दस्‍तावेजी साक्ष्‍य प्रस्‍तुत कर आरोपी को आरोपित धाराओं में उल्‍लेखित अधिकतम दंड से दंडित किए जाने के तर्क प्रस्‍तुत किए गए।  विशेष न्‍यायालय द्वारा गुरुवार को अभियोजन की ओर से प्रस्‍तुत साक्ष्‍य को प्रमाणित मानते हुए आरोपी को दोषसिद्ध किया गया। सजा का फैसला सुनाया।

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