उत्साह, उल्लास और उत्सव से परिपूर्ण भक्तिमय माहौल में मनाई अयोध्यापुरम तीर्थ की 19 वीं सालगिरह

 आचार्य श्री बंधु बेलड़ी की निश्रा में सम्पन्न दो दिवसीय महोत्सव

 देश विदेश से बड़ी संख्या में पहुँचे भक्त

 देरासर जी के शिखर पर चढ़ाई विधि-विधान के साथ ध्वजा

⚫ निलेश सोनी

अयोध्यापुरम तीर्थ, 28 फरवरी। गुजरात के गौरव अयोध्यापुरम तीर्थ की 19 वीं सालगिरह उत्साह -उल्लास और उत्सव से परिपूर्ण भक्तिमय माहौल में मनाई गई। तीर्थ प्रेरक-मार्गदर्शक आचार्य श्री बंधु बेलड़ी की निश्रा में सम्पन्न दो दिवसीय महोत्सव में देश विदेश से बड़ी संख्या में भक्त पहुँचे। देरासर जी के शिखर पर विधि-विधान के साथ ध्वजा चढाई गई।

कायमी ध्वजा के लाभार्थी कांताबेन चंदुभाई केशवलाल वोरा परिवार  राजकोट ( हाल मुकाम-मोम्बासा-केन्या) रहे। उत्सव की शुरुआत मूलनायक दादा आदिनाथ जी के 18 अभिषेक के साथ हुई। भक्तजनों के साथ गुरुकुल के विद्यार्थियों ने भक्तिभाव के साथ अभिषेक किया। विधिकारक मनीष भाई ने विधि सम्पन्न करवाई। इसी के साथ कुमारपाल राजा द्वारा आरती एवं भक्ति भी रखी गई।

निकली भव्य ध्वजा यात्रा

ध्वजा यात्रा में शामिल धर्मालु जन

मुख्य सालगिरह उत्सव प्रसंग पर आचार्य श्री बंधु बेलड़ी एवं साधू साध्वी जी भगवंत की निश्रा में भव्य ध्वजा यात्रा निकली गई। बैंड बाजे ढोल के साथ देरासर जी प्रांगण से ध्वजा यात्रा में आगे आगे गुरुकुल के सेकड़ों विधार्थी परम्परागत वेशभूषा में हाथो में धर्म ध्वजा लिए दादा का जयकारा लगाते हुए चल रहे थे। उनके पीछे देशभर से आये भक्तजन संगीत की स्वर लहरियों पर भक्ति करते नाचते झूमते उत्सव की शोभा बढ़ा रहे थे। लाभार्थी परिवार ध्वजा को बग्गी में लेकर सवार था।

ध्वजा यात्रा के साथ लाभार्थी परिवार

मातृ पितृ वात्सल्य मन्दिर की मनाई 8 वीं सालगिरह

भव्य ध्वज यात्रा के देरासर जी पहुंचने पर विधि-विधान के साथ ध्वजा का पूजन किया गया। मंगलमय मुहूर्त में जयघोष के बीच जैसे ही ध्वजा देरासर जी के शिखर पर लहराई सम्पूर्ण वातावरण हर्ष ध्वनि से गूंज उठा। इसी के साथ देरासर जी परिसर में स्थित 24 तीर्थंकर परमात्मा के मातृ पितृ वात्सल्य मन्दिर की 8 वीं सालगिरह भी पूजन व ध्वजारोहण कर मनाई गई।

गुरुकुल एवं गौशाला के सेवा प्रकल्प की अपनी विशिष्ट पहचान

धर्म सभा में मौजूद धर्मालु को

इस अवसर पर व्याख्यान में श्री बंधु बेलड़ी के शिष्यरत्न गणिवर्य श्री आनंदचन्द्रसागर जी म.सा. ने तीर्थ की विकास यात्रा को बताया। आपने फरमाया कि आचार्य श्री बंधु बेलड़ी के मार्गदर्शन में तीर्थ उत्तरोतर प्रगति की ओर अगसर है। इसी क्रम में यहां संचालित गुरुकुल एवं गौशाला के सेवा प्रकल्प अपनी विशिष्ट पहचान कायम कर चुके है। देरासर जी में मूलनायक श्री आदिनाथ भगवान के अष्ट प्रातिहार्य परिकर की प्रतिष्ठा का कार्य जोर शोर से चल रहा है। इसका कार्य पूर्ण होने पर यह एक अद्भुत प्रतिकृति होगी। इस भव्य परिकर के लाभार्थी  श्री जीरावाला जैन तीर्थ है।

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