कोरोना की चौथी लहर का खतरा : स्कूल जाने वाले बच्चे संक्रमण का शिकार, बड़े भी हो रहे संक्रमित
⚫ स्कूल खुलने के बाद से परीक्षा होने तक 90 से अधिक बच्चे प्रभावित
⚫ संक्रमण का शिकार हो गए सभी बच्चे 10 वर्ष से कम उम्र के
⚫ नान वैक्सीनेटेड को ज्यादा खतरा
हरमुद्दा
भोपाल, 20 अप्रैल। कोरोना वायरस ज्योति लहर का खतरा मध्यप्रदेश में धीरे-धीरे पैर पसार रहा है 50 दिन में 2,000 से अधिक संक्रमित हुए जिनमें 90 से अधिक बच्चे भी शामिल हैं अधिकांश विद्यार्थी की उम्र 10 साल से कम है। खास बात यह है कि जितने बच्चे संक्रमित हुए हैं, वह नान वैक्सीनेटेड हैं।
जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में स्कूल खुलने से लेकर परीक्षा होने तक 90 से अधिक बच्चे वायरस के संक्रमण का शिकार हुए हैं और देखा जाए तो 1 मार्च से अब तक जो हजार महिला पुरुष और बच्चे वायरस से प्रभावित हुए। सभी बच्चों में स्कूल जाने के दौरान कोरोना वायरस का संक्रमण फैला है। जाते भी है कि 12 से कम उम्र के लिए वैक्सीनेशन शुरू नहीं हुआ है।
एक नजर कहां पर कितने हुए संक्रमण से प्रभावित
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस के संक्रमण से अब तक इंदौर में 12, रायसेन में 10, डिंडोरी में 7, मंडला में 6, देवास में 5, नरसिंहपुर में 5, उमरिया में 5, होशंगाबाद में 4, जबलपुर में 4, बालाघाट में 3, विदिशा में 3 संक्रमित मिले हैं। इसी तरह आगर, बैतूल, छतरपुर, भोपाल, झाबुआ, कटनी, पन्ना, राजगढ़, सिवनी, शिवपुरी में 2-2, अनूपपुर, बडवानी, अशोकनगर, हरदा, खंडवा, खरगोन, मंदसौर, मुरैना, रीवा, सीहोर, उज्जैन में 1-1 विद्यार्थी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। डेढ़ दर्जन से अधिक विद्यार्थी ऐसे भी हैं जिनकी सेहत बिगड़ने पर विद्यालय प्रबंधन ने जांच कराई थी।
स्वास्थ्य विभाग भेज रहा हर जिले से सैंपल
चौथी लहर की आहट इसलिए भी है कि मार्च में हुई होल जीनोम सीक्वेंसिंग में हर 10वें सैंपल में ओमिक्रॉन या फिर इसके सब वैरिएंट मिले हैं। कोरोना के वायरस के स्वरूप में बदलाव को परखने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर जिले से संक्रमितों के सैंपल रैंडम सिलेक्ट कर जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेज रहा है। चिंताजनक बात यह है कि ओमिक्रॉन के जिस सब वैरिएंट BA.2 को थर्ड वेव के दौरान सुपर स्प्रेडर माना गया।