…और खुद भी चल दिया उसी राह पर : जो कहता था कि आत्महत्या करना तो कायरों का काम है लेकिन खुद ही झूल गया मौत के फंदे पर
⚫ माता-पिता का इकलौता बेटा
⚫ मां गई थी पिता के यहां पर और ले जाना चाहती थी बेटे को भी
हरमुद्दा
इंदौर, 26 अप्रैल। मां पिता के यहां पर सीहोर गई थी और नीता ऑफिस गए थे ऑफिस जाने से पहले पिता से उसने ₹300 मांगे ताकि सिटी बस का पास मंच बनवा सके कॉलेज आने जाने के लिए लेकिन वह घर से निकला ही नहीं और फांसी के फंदे पर झूल गया जबकि वह खुद आत्महत्या करने वालों को कायर कहता था।
यह घटना है रूपराम नगर की। फांसी पर लटकने वाला रेडिएंट कॉलेज में रेडिएंट कॉलेज में सेकंड ईयर का विद्यार्थी दिव्यांशु (19) पिता राम नरेश यादव है। जब दिव्यांशु घर पर अकेला था तब कंप्यूटर ऑन था। वह मोबाइल पर किसी से बात भी कर रहा था। मां भी सीहोर जाने के दौरान दिव्यांशु को साथ ले जाना चाहती थी लेकिन वह नहीं गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मोबाइल पुलिस ने जब्त कर अनलॉक करने की प्रक्रिया कर रही है।
2 दिन पहले कर ली थी युवती ने आत्महत्या
दिव्यांशु के काका ने बताया कि 2 दिन पहले ही कॉलोनी में एक युवती ने आत्महत्या कर ली थी, तब उसने कहा था कि ऐसा कदम उठाना तो कायरों का काम है इस कार्य के लिए तो बहुत ही नेगेटिव एनर्जी की जरूरत होती है। वह परेशान भी काफी रहता था। ऐसा लोग क्यों कर लेते हैं और उसने भी ऐसा कदम उठा लिया। विश्वास नहीं होता है।