बचे अपराध से : बाल विवाह करवाने वाले और उसमें सम्मिलित होने वालों की खैर नहीं, दो लाख जुर्माना, 2 साल की सजा सभी को
⚫ अक्षय तृतीया पर होते हैं सामूहिक आयोजन विवाह के
⚫ बाल विवाह रोकने के लिए विकासखंड स्तरीय दल गठित
हरमुद्दा
रतलाम 02 मई। अक्षय तृतीया पर बाल विवाह आयोजन की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए बाल विवाह रोकथाम हेतु विकासखंड स्तरीय दल गठित किए गए हैं। बाल विवाह आयोजन में सम्मिलित परिवारजन, पंडित, काजी, हलवाई, कैंटरिंग वाले, बैंडवाले, घोडेवाले व अन्य सेवा प्रदाता को 2 लाख रुपए तक का जुर्माना एवं 2 साल तक की सजा का प्रावधान हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनीश सिन्हा के कहने पर समस्त एसडीएम द्वारा अपने अनुभाग में बाल विवाह रोकथाम टीम गठित कर दी गई हैं जिसमें संबंधित तहसीलदार, एसडीओपी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, संबंधित थाना प्रभारी व परियोजना अधिकारी मबावि को सम्मिलित किया गया हैं।
लड़के की 21 और लड़की की 18 वर्ष उम्र अनिवार्य
विवाह हेतु लडकी की उम्र 18 वर्ष से अधिक व लडके की उम्र 21 वर्ष से अधिक होना अनिवार्य है अन्यथा की स्थिति में ऐसे बाल विवाह आयोजन में सम्मिलित परिवारजन, पंडित, काजी, हलवाई, कैंटरिंग वाले, बैंडवाले, घोडेवाले व अन्य सेवा प्रदाता को 2 लाख रुपए तक का जुर्माना एवं 2 साल तक की सजा का प्रावधान हैं।
इन नंबर पर दे सूचना बाल विवाह की
बाल विवाह की सूचना 1098 चाईल्ड हेल्पलाईन,181 महिला हेल्पलाईन, 100 पुलिस, संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र, थाना, परियोजना कार्यालय एवं एसडीएम कार्यालय में की जा सकती हैं। बाल विवाह कानूनी अपराध हैं। बाल विवाह न रचें, अपराध से बचें।