रतलाम के नूतन दीक्षित बालमुनि एवं साध्वीजी का पंच महाव्रत प्रतिज्ञा ग्रहण उत्सव 20 जून को आणंद में
⚫ आचार्य श्री बंधु बेलड़ी की निश्रा में 5 नूतन दीक्षित की होगी बड़ी दीक्षा
हरमुद्दा के लिए नीलेश सोनी
रतलाम/आणंद, 18 जून। रतलाम के नूतन दीक्षित बालमुनि श्री आदित्यचन्द्रसागर जी म.सा, साध्वी श्री पंक्तिवर्षाश्रीजी म.सा. एवं साध्वी श्री तीर्थवर्षाश्रीजी म.सा. का अन्य दो नूतन दीक्षित मुनिराज के साथ पंच महाव्रत प्रतिज्ञा ग्रहण उत्सव ‘बड़ी दीक्षा’ गुजरात के आणंद शहर में 20 जून सोमवार को होगा। आचार्य श्री बंधु बेलड़ी की निश्रा में इस भव्य उत्सव में सम्पूर्ण मालवा अंचल से बड़ी संख्या में समाजजन शामिल होंगे।
रतलाम शहर के इतिहास में विगत 26 मई को 90 साल बाद शास्त्री नगर निवासी पुष्पाबेन रमणलाल कोठारी परिवार में विशाल पायल कोठारी के इकलौते सुपुत्र 9 वर्षीय मुमुक्षु ईशान अब बालमुनि श्री आदित्यचन्द्रसागरजी म.सा. की दीक्षा का आयोजन हुआ था। इसी आयोजन में रतलाम के टाटा नगर निवासी संतोष शोभा चाणोदिया परिवार की जुड़वाँ बहन पलक अब साध्वी श्री पंक्तिवर्षाश्रीजी म.सा ने संयम जीवन अंगीकार किया था। वही 1 जून को सैलाना में मुमुक्षु तनिष्का अब साध्वी श्रीतीर्थवर्षाश्रीजी म.सा. की राजमहल में दीक्षा हुई थी।
दो मुनिराज की भी बड़ी दीक्षा
इन तीनों नूतन दीक्षित के साथ शंखेश्वर महातीर्थ में नूतन मुनिराज श्री तत्त्वरागचन्द्रसागर जी म.सा. एवं 15 मई को इंदौर में दीक्षा ग्रहण करने वाले बालमुनि श्री श्रीचन्द्रसागर जी म.सा. की भी बड़ी दीक्षा बंधु बेलड़ी आचार्य श्री जिनचन्द्रसागर सूरिजी म.सा एवं आचार्य श्री हेमचन्द्रसागर सूरिजी म.सा आदि ठाणा 23 की निश्रा में आनंद शहर में 20 जून को आनंद मंगल आराधना धाम में होने जा रही है। यंहा रतलाम, इंदौर, झाबुआ, मंदसौर जिले से बड़ी संख्या में समाजजन उत्सव में शामिल होने के लिए पहुंच रहे है।
भीषण गर्मी के उग्र विहार में भी आराधना
यह जानकारी देते हुए बंधु बेलड़ी आचार्य श्री ने बताया कि नूतन दीक्षित ने अपनी दीक्षा के तुरंत बाद मध्यप्रदेश से राजस्थान होकर गुजरात के लिए विहार के दौरान ही तप के साथ आगम अध्ययन आरम्भ करते हुए आयम्बिल पूर्वक आराधना शुरू कर दी थी। नूतन दीक्षित भीषण गर्मी में रतलाम से सैलाना-बाजना-गोधरा होकर करीब 300 कि.मी. का कठिन विहार कर आणंद पहुंचे है। यहां पंच महाव्रत प्रतिज्ञा ग्रहण उत्सव का भव्य आयोजन होगा।
आजीवन महाव्रत का पालन
आपने बताया कि जिनशासन में संयम जीवन स्वीकार करने वाले साधु- साध्वीजी के लिए भगवान महावीर स्वामी जी के पंच महाव्रत प्रतिज्ञा को स्वीकार करना आवश्यक होता है, जिनका संयम जीवन में वे आजीवन पालन करते है। किसी भी नूतन दीक्षित को एक निश्चित समय अवधि की आराधना के पूर्ण होने के बाद बड़ी दीक्षा के अवसर पर ये पांचों महाव्रत के पालन की प्रतिज्ञा दिलवाई जाती है। यह प्रसंग आणंद शहर में आयोजित होने जा रहा है। उत्सव में बंधु बेलड़ी आचार्य की निश्रा में साध्वी श्री मेघवर्षाश्रीजी म.सा एवं साध्वी श्री पदमवर्षाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा 23 की गरिमापूर्ण निश्रा प्राप्त होगी।
आचार्य श्री का आत्मीय मिलन
इसके पूर्व बंधु बेलड़ी आचार्य श्री का आणंद शहर में आत्मीय मिलन हुआ। आचार्य श्री जिनचन्द्रसागर सूरिजी म.सा. रतलाम से जबकि आचार्य श्री हेमचन्द्रसागर सूरिजी म.सा आदि ठाणा ऊंझा से विहार कर यहां पहुंचे है। 19 जून रविवार को यहां भव्य प्रवेश सामैया निकलेगा।