सहकारी समिति की वार्षिक आमसभा में वित्तीय अनियमितताओं पर भड़के सदस्य
⚫ उच्चस्तरीय जांच की मांग
⚫ बैठक बुला कर भूले प्रशासक निंदा प्रस्ताव पारित
हरमुद्दा
पिपलौदा, 28 सितंबर। सहकारी समिति की वार्षिक साधारण सभा में सदस्यों ने समर्थन मूल्य खरीदी में गड़बड़ी तथा वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जमकर हंगामा किया व मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। समिति प्रबंधक ने जब समिति में घाटे की जानकारी दी तो सदस्यगण भड़क गए तथा समिति के सभी प्रकार के हिसाब की जानकारी प्राप्त की। समिति प्रशासक ने बैठक आहूत की थी, लेकिन स्वयं ही बैठक में देरी से उपस्थित हुए तो सदस्यों ने निन्दा प्रस्ताव पारित किया। प्रशासक की अनुपस्थिति में सहकारी बैक के महाप्रबंधक की अनुमति से यशवंत सुराणा की अध्यक्षता में बैठक कार्यवाही प्रारंभ की। दोपहर 12 बजे से प्रारंभ हुई बैठक शाम 6 बजे तक चली। इसमें विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा कर पारित किया गया।
समिति प्रबंधक अशोक बाफना ने बताया कि समिति के कुल 1668 किसान सदस्य है, जिनकों कुल 14 करोड़ 94 लाख रूपए का ऋण एवं सामग्री प्रदान की गई है। इनमें 9 करोड़ 86 लाख रूपए नगद तथा शेष खाद-बीज की राशि है।मामला पहले ही बिन्दु से विवादित हो गया, जब गत आमसभा में पारित प्रस्ताव के अनुसार माल गोदाम के लिए आवंटित भूमि की वायर फैंसिंग का कार्य करवाना था, लेकिन समिति प्रबंधक ने एक वर्ष बीत जाने के बाद भी काम नहीं किया तथा सदस्यों के कारण पूछने पर कहा कि समय नहीं मिला। इस पर सदस्यों ने कड़ी आपत्ति की तथा एक माह का समय दिया व एक माह में कार्य नहीं करने पर वेतन भुगतान नहीं करने का प्रस्ताव पारित किया। समिति के वित्तीय प्रतिवेदनों तथा लेखा पत्रकों में गंभीर अनियमितताएं पाई गई। समर्थन मूल्य पर गेंहूँ की खरीदी में हम्माली के लिए अनुबंध निर्धारित प्रारूप में नहीं था तथा अनुबंध के बाद भी हम्माली के नाम पर अतिरिक्त भुगतान का मामला सामने आया। इस पर सदस्यों नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह के नाम पत्र लिख कर उच्चस्तरीय जांच की मांग की तथा कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी जावरा को पत्र की प्रतिलिपि भेज कर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की। संस्था के पूर्व बजट में प्रशासक के हस्तक्षेप के बाद 1लाख 47 हजार रूपए का लाभ दर्शाते हुए इस वर्ष 15 करोड़ का बजट पारित किया। इस वर्ष सदस्यो को 15 करोड़ के ऋण के वितरण का भी प्रस्ताव है तथा पुशपालन के लिए 15 लाख रूपए का ऋण दिए जाने के पस्ताव में प्रत्येक पशुपालक को 15 हजार रूपए की ऋण राशि प्रदान करना प्रस्तावित किया गया। सहकारी समिति के भवन में ही बैंक की शाखा का संचालन किया जाता है, जिसका किराया बढाए जाने का प्रस्ताव 2 साल से पारित किया जा रहा था, लेकिन बढ़ी हुई राशि का भुगतान मात्र अगस्त माह से किया जा रहा है, इस पर सदस्यों ने आपत्ति लेते हुए भवन के क्षेत्रफल के हिसाब से लोक निर्माण विभाग की गाइडलाइन के अनुसार 15हजार रूपए प्रतिमाह किए जाने का प्रस्ताव पारित किया। आंकेक्षण टीप के समाधान के लिए प्रबंधक को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
समिति के प्रशासक हरिश चौहान ने बताया कि मार्च 2021 से 2022 तक कुल 1लाख 47 हजार रूपए का लाभ समिति को हुआ है। समिति ने 1लाख 78 हजार रूपए खाद परिवहन में व्यय किए हैं। 43 लाख 50 हजार रूपए का सेल्समेन को वेतन भुगतान किया गया है।
समर्थन मूल्य में यह है अनियमितताएं
समर्थन मूल्य पर गेंहूँ की खरीदी के लिए समिति ने 8 तौल कांटे प्राप्त किए लेकिन 12 कर्मचारियों की नियुक्ति दर्शाई है। दो स्थानों पर क्रमश:21846 तथा 26901 क्वींटल गेंहूँ का तुलान बताया, इसके लिए प्रथम स्थान पर 3 लाख 27 हजार 690 रूपए तथा दूसरे स्थान पर 4 लाख 62 हजार 205 रूपए हम्माली तथा दोनों स्थानों पर 6-6 कर्मचारियों के वेतन भुगतान का खर्च बताया है। खरीदी के लिए 96084 रूपए का धागा, 1 लाख 24 हजार 800 रूपए का वेयर हाउस हम्माली तथा 1 लाख 91 हजार 735 रूपए की गाड़ी में लोड करने की हम्माली का भुगतान किया जाना दर्शाया गया है। जो निर्धारित नियमों के विपरित होकर हम्माली के लिए किए गए अनुबंध के अतिरिक्त भुगतान है। इस प्रकार समर्थन मूल्य खरीदी में कुल 13 लाख 48 हजार का खर्च हुआ तथा 13 लाख 50 हजार रूपए का लाभ हुआ है।
ब्याज वसूली का कॉलम बढेगा
समिति सदस्यों से बीमा तथा अन्य ब्याज की वसूली करती है,लेकिन किसानों को न तो रसीद में इसका उल्लेख किया जाता है और न ही क्रेडिट कार्ड ही दर्शाया जाता है। इससे किसानों को जानकारी नहीं होती कि कितना ब्याज वसूला गया है। इसके लिए रसीद तथा किसान क्रेडिट कार्ड दोनों में ही सूद का कॉलम बढ़ाए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया। समिति के कर्मचारियों ने वेतन में बढोत्तरी की मांग का आवेदन दिया था, जिस पर प्रशासक ने कहा कि रतलाम जिला बोर्ड की बैठक में इसका निराकरण किया जा सकता है। अभी समिति को वित्तीय निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। इससे कर्मचारी मायूस हो गए।
यह थे मौजूद
बैठक में पूर्व समिति अध्यक्ष महेश नांदेचा, पूर्व नपाध्यक्ष अतुल गौड़, श्यामबिहारी पटेल, जागरूक किसान उपेन्द्रसिंह गिरनार, मंगलसिंह आदि उपस्थित थे।