मामला एमपी और एमएलए के घेराव का : जयस के पदाधिकारियों पर हुई एफ आई आर, न्यायालय ने भेजा जेल, गुरुवार को फिर होगी कोर्ट में पेशी
⚫ न्यायालय क्षेत्र हुआ छावनी में तब्दील
⚫ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
हरमुद्दा
रतलाम, 16 नवंबर। मंगलवार को धराड़ में रतलाम झाबुआ संसदीय क्षेत्र के सांसद गुमान सिंह डामोर और रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना के काफिले को जयस के पदाधिकारियों सहित कार्यकर्ताओं ने रोक लिया था। विशेष निवेश क्षेत्र का विरोध करते हुए काफिले पर हमला भी किया। इस पर पुलिस ने गैस के पदाधिकारियों पर विभिन्न धाराओं में एफ आई आर दर्ज की। बुधवार को न्यायालय ने जेल भेज दिया। गुरुवार को फिर से कोर्ट में पेशी होगी।
बुधवार को सुबह से ही जिला न्यायालय परिसर के आसपास के क्षेत्र को पुलिस प्रशासन ने छावनी में तब्दील कर दिया था। ताकि हर परिस्थिति से निपटा जा सके। जयस के पदाधिकारी डॉ.अभय ओहरी, डॉ.आनन्द राय, अनिल निनामा, विलेश खराडी और गोपाल वाघेला को दोपहर साढे तीन बजे न्यायालय में लाया गया। उल्लेखनीय है कि सभी लोगों को रात को ही गिरफ्तार कर लिया था। बिलपांक पुलिस ने 25 नामजद सहित 50 जयेश कार्यकर्ताओं पर विभिन्न धाराओं में एफ आई आर दर्ज की थी।
इन धाराओं में हुआ प्रकरण दर्ज
शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने सहित करीब एक दर्जन धाराओं में प्रकरण दर्ज किया। इनमें आईपीसी की धारा 294, 341, 353, 332, 146, 147, 336, 506 अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति ( नृशंसता निवारण) अधिनियम 1989 ( संशोधन 2015) की धारा 3(1) द 3(1)(ध) एवं 3 (2) (वीए) शामिल है।
जमानत के पहले फरियादी का पक्ष जानेंगे गुरुवार को
एससीएसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश डीएस चौहान के समक्ष पेश किया गया। अभियुक्तों की ओर से उपस्थित हुए वकीलों ने जब अभियुक्तों की जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किए, तब शासकीय विशेष लोक अभियोजक नीरज सक्सेना की ओर से यह आपत्ति प्रस्तुत की गई कि एससीएसटी एक्ट के मामलों में जमानत आवेदन पर सुनवाई के पहले फरियादी को सूचना दी जाना आवश्यक है। विशेष लोक अभियोजक की इस आपत्ति पर प्रकरण के फरियादी संदीप चंदेल को सूचना पत्र देकर गुरुवार का दिन सुनवाई के लिए नियत किया गया है। चूंकि प्रकरण की अग्रिम कार्रवाई गुरुवार को होना है। इसलिए पांचों जयस नेताओं को 17 नवंबर तक के लिए जेल भेज दिया गया है। प्रकरण में अब अगली सुनवाई गुरुवार को होगी और तब अभियुक्तों को पुलिस रिमाण्ड पर दिए जाने का निर्णय होगा।
सुबह से ही पुलिस ने जमाया हुआ था न्यायालय परिसर क्षेत्र में डेरा
जयस के विरोध प्रदर्शन की आशंका के चलते पुलिस प्रशासन ने बुधवार को सुबह से ही जिला न्यायालय परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया था। अम्बेडकर तिराहे से लगाकर कान्वेन्ट तिराहे तक की पूरी सडक पर बेरिकेटिंग लगाकर आवागमन रोक दिया गया था। इस रास्ते पर केवल उन्हे जाने दिया जा रहा था,जिनके पास उचित कारण था। क्षेत्र में भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया था। एसपी अभिषेक तिवारी स्वयं मौके पर मौजूद थे और उन्होने खुद सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया। न्यायालय परिसर में पुलिस बंदोबस्त के लिए जिले के अन्य स्थानों से भी पुलिस बल मंगवाया गया।