तब कहीं नहीं हुई सुनवाई : …और पुलिस ने गाड़ी से चाबी निकाली, अपशब्द कहे, सवाल करने पर लात डंडे से मारपीट कर डाल दिया डिक्की में, सब इंस्पेक्टर के ख़िलाफ़ न्यायालय में धारा 294 व 323 का प्रकरण पंजीबद्ध
⚫ मामला कोरोना काल में सब इंस्पेक्टर नागुलाल बसेर द्वारा मारपीट का
⚫ 25 फरवरी तय की है उपस्थिति की तारीख
हरमुद्दा
रतलाम 17 जनवरी। परिवार के साथ बाइक पर जा रहे तब पुलिस ने रोका। गाड़ी से चाबी निकाली। अपशब्द कहे। यहां तक की लात घुसा से मारपीट की। तब कहीं पर भी सुनवाई नहीं हुई तो न्यायालय की शरण ली। न्यायालय ने माणक चौक थाना पर पदस्थ रहे सब इंस्पेक्टर नागुलाल बसेर के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 294 और 323 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है। आरोपी बसेर के विरुद्ध वेद व्यास कॉलोनी निवासी विजय वोरा पिता शैतानमल वोरा के परिवाद पर सुनवाई करते हुए प्रकरण संज्ञान में लिया गया है।
अभिभाषक शादाब खान ने हरमुद्दा को बताया कि सब इंस्पेक्टर बसेर के विरुद्ध प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी डीपी सूत्रकार के न्यायालय ने मामला संज्ञान में लेते हुए उपस्थिति के लिए 25 फरवरी नियत की है। परिवादी विजय वोरा ने आरोपी बसेर के ख़िलाफ़ परिवाद प्रस्तुत कर बताया था कि 3 मई 2021 को उसके पिता का निधन हो गया था। उनकी माता भी कोरोना से ग्रसित होकर सीएचएल दिवाकर हास्पिटल में भर्ती थी। परिवादी की पत्नी और पुत्री का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं था। 11 मई 2021 को शाम 6 बजे वह अपनी पुत्री को निवास पर छोड़ने और डॉ. अंकित जैन की क्लीनिक पर जाने के लिए करमदी रोड से घास बाजार होकर जा रहे थे। चौराहे पर पुलिस कर्मियों ने रोका और घर से बाहर निकलने का कारण पूछा।
लात डंडों से मारपीट कर गाड़ी की डिक्की में डाल दिया बसेर ने
इस दौरान एस आई बसेर आए और गाड़ी से चाबी निकालकर गाली देने लगे। गाड़ी के कागजात दिखाने पर भी चाबी नहीं दी, तो पत्नी और पुत्री को घांस बाजार में दुकान पर बिठाकर परिवादी पैदल ही डॉ. अंकित जैन के क्लिनिक यहां गया। क्लिनिक से वापिस आने पर कुछ पुलिसकर्मी ने परिवादी को घसीटकर पुलिस वाहन की डिक्की में डाल दिया और एसआई बसेर ने लात -घूंसो तथा डंडे से मारपीट की। इससे उन्हें चोट आई। बसेर उन्हें पीटते हुए थाने तक ले गए। इसके वीडियो वायरल हुए थे। परिवादी ने कई जगह गुहार की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इस पर आरोपी के खिलाफ न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में परिवादी की पैरवी एडवोकेट शादाब खान, रजनीश शर्मा एवं रिजवान खान द्वारा की गई।