मुद्दे की बात : सीनियर सिटीजन होना गुनाह है क्या देश में, ना करें उन्हें नजर अंदाज

⚫ अपनी युवावस्था में सभी करों का भुगतान किया। अब सीनियर सिटीजन बनने के बाद भी उन्हें सारे टैक्स चुकाने होंगे। भारत में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई योजना नहीं है। चिकित्सा बीमा के लिए पात्र नहीं। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए पात्र नहीं। यहां तक कि ऋण लेने के लिए भी अपात्र  हैं। ⚫

⚫ जगदीश डूडे

भारत में 70 वर्ष की आयु के बाद वरिष्ठ नागरिक चिकित्सा बीमा के लिए पात्र नहीं हैं, उन्हें ईएमआई पर ऋण नहीं मिलता है। ड्राइविंग लाइसेंस नहीं दिया जाता है। उन्हें आर्थिक काम के लिए कोई नौकरी नहीं दी जाती है। इसलिए वे दूसरों पर निर्भर हैं। उन्होंने अपनी युवावस्था में सभी करों का भुगतान किया था। अब सीनियर सिटीजन बनने के बाद भी उन्हें सारे टैक्स चुकाने होंगे।

भारत में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई योजना नहीं है। रेलवे पर 50% की छूट भी बंद कर दी गई। दुःख तो इस बात है कि राजनीति में जितने भी वरिष्ठ नागरिक हैं फिर चाहे MLA हो या MP या Ministers  उन्हें सबकुछ मिलेगा और पेंशन भी, लेकिन हम सीनियर सिटिज़न पूरी जिंदगीभर सरकार को कई तरह के टैक्स देते हैं फिर भी बुढ़ापे में पेंशन नहीं,  सोचिए अगर औलाद न संभाल पाए (किसी कारणवश ) तो बुढ़ापे में कहां जाएंगे।

ना करें नजर अंदाज

यह एक भयानक और पीड़ादायक बात है। अगर परिवार के वरिष्ठ सदस्य नाराज हो जाते हैं, तो इसका असर चुनाव पर पड़ेगा और सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल कौन करेगा? तो वरिष्ठों में है सरकार बदलने की ताकत, उन्हें कमजोर समझकर नजर अंदाज न करें।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी जरूरी है तमाम सुविधाएं

वरिष्ठ नागरिकों के जीवन में किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।  सरकार गैर-नवीकरणीय योजनाओं पर बहुत पैसा खर्चा करती है, लेकिन यह कभी नहीं महसूस करती है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी एक योजना आवश्यक है। इसके विपरीत बैंक की ब्याज दर घटाकर वरिष्ठ नागरिकों की आय कम कर रहा है। अगर मामूली पेंशन भी मिलती है जिसमें परिवार का गुजारा भी मुश्किल चलता है तो उस पर भी इन्कम टैक्स।

अपराध लगता है वरिष्ठ नागरिक होना

एक भारतीय वरिष्ठ नागरिक होना एक अपराध लगता है। यह सब सोशल मीडिया में साझा करें आप सभी सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं। आइए वरिष्ठ नागरिकों की आवाज को सरकार के कानों तक पहुंचाएं (इस जानकारी को सभी वरिष्ठ नागरिकों की जागरूकता के लिए साझा करें।) मैं अनसुनी आवाज को इतना जोर से सुनाना चाहता हूं। इसे एक जन आंदोलन के रूप में खड़ा करें। हम सभी को वरिष्ठ नागरिकों ने अपने सभी मित्रों के साथ यह साझा करना चाहिए।

⚫ जगदीश डूडे

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