वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे परीक्षा पर्यवेक्षक लोकायुक्त के चंगुल में : 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा में नकल कराने के लिए रुपए लिए पर्यवेक्षक शिक्षक ने -

परीक्षा पर्यवेक्षक लोकायुक्त के चंगुल में : 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा में नकल कराने के लिए रुपए लिए पर्यवेक्षक शिक्षक ने

⚫ लोकायुक्त की कार्रवाई में पकड़ाया पर्यवेक्षक शिक्षक

⚫ छात्रा के पिता ने की लोकायुक्त को शिकायत

हरमुद्दा
दमोह, 3 मार्च। मध्य प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा हाई स्कूल एवं हायर सेकंडरी की परीक्षा ली जा रही है। परीक्षा में रुपए कमाने के उद्देश्य से पर्यवेक्षक में नकल करने की जिम्मेदारी ले ली। कई विद्यार्थियों को रुपए देने के लिए कहा था कि वे परीक्षा में आसानी से नकल कर सकें, उन्हें कोई नहीं रोकेगा। मगर शिक्षक का यह मंसूबा छात्रा की शिकायत पर फेल हो गया और वह लोकायुक्त के चंगुल में फंस गया। रुपया कमाने के मंसूबे ने वह फेल हो गया।

घेरे में रिश्वतखोर पर्यवेक्षक शिक्षक

मिली जानकारी के अनुसार जिले के नरसिंहगढ़ हायर सेकेंडरी स्कूल में एक रिश्वतखोर पर्यवेक्षक शिक्षक को सागर लोकायुक्त ने पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा है। दरअसल 10वीं और 12वीं की परीक्षा में पर्यवेक्षक के रूप में तैनात शिक्षक द्वारा दोनों ही क्लास की परीक्षा में छात्रों को नकल कराने के बदले में आठ हजार रुपए मांगे जा रहे थे।

छात्रों के पिता ने की शिकायत

लोकायुक्त से मिली जानकारी के अनुसार पथरिया ब्लॉक के देवलाई गांव में रहने वाली छात्रा के पिता रामू रैकवार ने सागर लोकायुक्त में इसकी शिकायत की थी, जिसके बाद शुक्रवार दोपहर टीम नरसिंहगढ़ पहुंची और सीता नगर जाने वाले मार्ग पर शिक्षक को पांच हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। यहां पर पर्यवेक्षक के रूप में परीक्षा संपन्न कराने वाले शिक्षक घनश्याम पिता पन्नालाल अहिरवाल छात्रों से परीक्षा में पास कराने के बदले में आठ हजार रुपए मांग रहे थे। एक छात्रा पैसे देने में असमर्थ थी, लेकिन इसके बाद भी शिक्षक उस पर रुपए देने के लिए दबाव बना रहा था। छात्रा ने शिक्षक को 2000 रुपए एडवांस दिए और इसके बाद उसके पिता ने लोकायुक्त में शिकायत की। शिकायत के बाद टीम मौके पर पहुंची और आरोपी शिक्षक को रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

और टीम ने शिक्षक को धर दबोचा

लोकायुक्त से मिली जानकारी के अनुसार फोन आने के बाद टीम ने केमिकल युक्त पांच हजार रुपए पिता को दिए और उसे शिक्षक के पास भेज दिया। जैसे ही शिक्षक ने रुपए हाथ में लिए टीम ने उसे दबोच लिया।

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