वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे धर्म संस्कृति : जैन आचार्य श्री बंधु बेलड़ी के सुदीर्घ संयम जीवन की अंतर्मन से अहोभावपूर्वक अनुमोदना -

धर्म संस्कृति : जैन आचार्य श्री बंधु बेलड़ी के सुदीर्घ संयम जीवन की अंतर्मन से अहोभावपूर्वक अनुमोदना

1 min read

⚫ 60 वें दीक्षा दिवस पर प्रभु भक्ति महोत्सव में देशभर से भक्त पहुंचे

हरमुद्दा के लिए नीलेश सोनी

अयोध्यापुरम, 2 मई। अयोध्यापुरम – सुमेरु नवकार तीर्थ प्रेरक – मार्गदर्शक बंधु बेलड़ी पू. आ. श्री जिन-हेमचन्द्रसागरसूरीश्वर जी म.सा.. के 60 वें दीक्षा दिवस पर प्रभु भक्ति महोत्सव उत्सव,उमंग और उल्लास के साथ मनाया गया । महोत्सव में देशभर से गुरुभक्त एवं श्रीसंघ अयोध्यापुरम तीर्थ पहुंचे। जिन्होंने आचार्यश्री के सुदीर्घ संयम जीवन की अंतर्मन से अहोभावपूर्वक अनुमोदना की।

आयोजन में मौजूद धर्मालु

अंतिम साँस तक शासन सेवा के लिए रहेंगे समर्पित

इस अवसर पर आचार्य श्री ने आशीर्वचन में कहा कि 60 वर्षों का यह संयम सफर अविश्वसीय लग रहा है, हमारी हैसियत से अधिक हमें जिन शासन से मिला, यह देव- गुरु कृपा का ही यह परिणाम है । 60 वर्ष पूर्व हम दोनों भाई बालमुनि थे..ना कोई विशेष समझ.. ना कोई विशेष साधना, फिर भी..गुरुदेव की परम कृपा ने हम लोहे जैसे को सोने में बदल दिया । शासन समुदाय ही नहीं बल्कि हमें अन्य क्षेत्रों में बहुत आदर,सम्मान मिल रहा है। हमारा जन्म जिस छाणी ग्राम में हुआ, वंहा की पवित्र धरा और वातावरण में ही संयम की सुवास और संस्कारों का प्रभाव है। परिवार में से अनेक दीक्षाओं के कारण हम दोनों भाइयों में संयम जीवन के सहज ही भाव जागे और बाल्यकाल में हम संयम पथ के पथिक बने। हमारे संसारी परिवार में 3 मासी म.सा,2 बहन म.सा,स्वयं हमारे 2 बड़े भाई म.सा,पू.आ.गुरु श्री अशोकसागर सूरिजी म.सा अन्य अनेक पारिवरिक स्वजनों ने दीक्षा को स्वीकार किया है..हमें गौरव है कि ऐसा संसारी परिवार प्राप्त हुआ। हमारा भाव है कि हम अंतिम साँस तक शासन सेवा के लिए समर्पित रहेंगे।

आचार्यश्री को पाकर जिन शासन हुआ धन्य : श्री जैन

अयोध्यापुरम तीर्थ ट्रस्टी इन्दरमल जैन ने बताया महोत्सव में रतलाम,इंदौर,उज्जैन, मंदसौर, नीमच जिले सहित गुजरात, महाराष्ट्र,राजस्थान आदि प्रान्तों से गुरु भक्त पहुंचे थे। आपने कहा गुजरात के ग्राम छाणी(बडोदा) में जन्मे बंधु बेलड़ी आचार्य श्री ने आज से 60 वर्ष पूर्व पू. गुरुदेव श्री धर्म-अभयसागरजी म.सा.से दीक्षा लेकर संयम जीवन अंगीकार किया था। इन छह दशकों के दीक्षा जीवन में उन्होंने शासन सेवा – प्रभावना के विभिन्न कीर्तिमान स्थापित किये है। जो सम्पूर्ण जैन समाज के लिए प्रेरक और अनुकरणीय है। ऐसे बंधु बेलड़ी आचार्यश्री को पाकर हम धन्यता का अनुभव करते है। कार्यक्रम में उपस्थित तीर्थ ट्रस्ट परिवार ने संयम उपकरण से सज्जित सुंदर छाबड़ी भेंटकर आशीर्वाद लिया।

गुरुकुल विद्यार्थियों का गुरुगुण अभिवादन

उन्होंने बताया दो दिवसीय महोत्सव की शुरुआत गुरुकुल पूर्व विधार्थी स्नेह मिलन समारोह के साथ हुई। विगत 18 वर्षो में गुरुकुल से निकले पूर्व विधार्थियों ने उनके विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के शीर्ष पर पहुंचने के गौरवशाली सफ़र को बताया। उन्होंने आचार्यश्री से आशीर्वाद लेकर अपने अपने क्षेत्र में जिन शासन की सेवा का संकल्प लिया। उन्होंने बताया दूसरे दिन प्रभु भक्ति महोत्सव के मौके पर दादा आदिनाथ की भव्य अंग रचना, महापूजन, सामैया, अनुकम्पा दान, साधार्मिक भक्ति और जीवदया आदि आयोजन हुए। गुरुकुल विधार्थियों ने गुरु गुण अभिवादन एवं वंदन की भावपूर्ण प्रस्तुति चित्र एवं लोकनृत्य के साथ दी। आचार्य श्री को भक्तजन सुंदर पालकी मै बिठाकर महोत्सव में लेकर आये । गुरुकुल के श्रेष्ठ विधार्थियों को पुरुस्कृत किया गया। यहां मुमुक्षु रानू चंडालिया, इंदौर को 14 दिसम्बर 23 दीक्षा मुहूर्त दिया गया। ट्रस्ट की ओर से उनका बहुमान किया गया। संगीतकार अमित बारोठ,पालीताना थे ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *