अनुकरणीय पहल : राहत की सांस लेने के पहले तत्काल मिल रहे हैं यहां पर जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, बशर्ते दस्तावेज होने चाहिए पूरे
⚫ सलीके से पूछते और कहते हैं यह दस्तावेज है जरूरी
⚫ कारपोरेट ऑफिस में भी नहीं होता होगा ऐसा काम
⚫ 15 अगस्त 26 जनवरी पर ऐसे कर्मचारी होने चाहिए सम्मानित
हरमुद्दा
रतलाम, 11 मई। यूं तो नगर निगम को नरक निगम के नाम से ही जाना जाता है क्योंकि यहां का ढर्रा ही ऐसा है, मगर नगर निगम का जन्म मृत्यु पंजीयन प्रमाण पत्र विभाग ही ऐसा है जो कि अनुकरणीय कार्य कर रहा है। दस्तावेज देने के बाद आप राहत की सांस भी नहीं लेंगे और आपके हाथों में तत्काल प्रमाण पत्र मिल जाएंगे।
नगर निगम भवन के समीप रतलाम विकास प्राधिकरण का कार्यालय है जिसके समीप नगर निगम कार्यालय का कुछ विभाग लगते हैं। यहीं पर जनसंपर्क कार्यालय और जन्म मृत्यु पंजीयन कार्यालय है।
सलीके से पूछे थे और कहते हैं यह दस्तावेज है जरूरी
जब भी कोई व्यक्ति जन्म मृत्यु पंजीयन कार्यालय में जाता है तो कर्मचारी सलीके से पूछते हैं क्या कार्य है? जन्म प्रमाण पत्र लेना है। तब उन्हें बताया जाता है कि अस्पताल का डिस्चार्ज सर्टिफिकेट, माता-पिता के आधार कार्ड की फोटो कॉपी आवेदन के साथ लेकर आइए। जब व्यक्ति इन सभी दस्तावेज के साथ जैसे ही पंजीयन कार्यालय में जाता है। कर्मचारी उसकी कंप्यूटर पर जांच करते हैं। संबंधित व्यक्ति जब अधिकारी से पूछता है कि कब मिलेगा? तब अधिकारी का जवाब होता है एक मिनट दस्तावेज जांच कर लें, फिर मिल जाएगा। दस्तावेज का कंप्यूटर पर मिलान होता है और 2 से 3 मिनट तो तब होते हैं कि प्रमाण पत्र उनके हाथों में दे दिया जाता है। उस समय संबंधित की खुशी का ठिकाना नहीं रहता है। वह कहने लगता है कि अरे वाह ! नगर निगम में इतना अच्छा काम हो रहा है। क्योंकि सरकारी दफ्तरों की कार्यप्रणाली से हर कोई वाकिफ है। कोई भी समय पर कार्य करना नहीं चाहता है। यहां तक कि कारपोरेट कल्चर के कार्यालय भी इतनी जल्दी कार्य करके नहीं देते हैं। वे भी दो-चार दिन बाद आने का कहते हैं। नवासी का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने आए मोहम्मद इस्हाक खान का कहना है कि ऐसे कर्मचारियों को तो 26 जनवरी 15 अगस्त पर सम्मानित किया जाना चाहिए जो कि अपना कार्य बखूबी करते हैं।
दस्तावेज की जानकारी लेते हुए आमजन
कार्य को टालते नहीं कोई भी
खास बात तो यह है कि जन्म मृत्यु पंजीयन प्रमाण पत्र कार्यालय के कर्मचारियों की ही खासियत है कि वे कार्य को टालते नहीं है और तत्काल करते हैं। नतीजतन आयुक्त एपीएस गहरवार, रजिस्ट्रार एपी सिंह, प्रभारी अधिकारी अनिल खरे को कोई शिकायत नहीं जाती है। चाहे अधिकारी हो या ना हो। कर्मचारी अपना कार्य कर्तव्य और निष्ठा के साथ करते हैं।
कार्य करते हैं कर्मचारी बहाना नहीं
मुद्दे की बात तो यह है कि जन्म एवं पंजीयन कार्यालय के विनोद सोलंकी, जितेंद्र चौहान, संजय कोचर, उषा रानी सहित आधा दर्जन कर्मचारी तत्पर हैं। कर्मचारी ही इस कार्य को करने के लिए सक्रिय हैं। अधिकारी तो बदलते रहते हैं लेकिन कर्मचारी बिना किसी बहाने के कार्य करते रहते हैं। इस कार्यालय की संस्कृति कार्य करने की ही है।
फोटो : राकेश पोरवाल