मुद्दे की बात : पशुधन आयात और निर्यात विधेयक (ड्राफ्ट) पर गंभीरता से पुनर्विचार जरूरी, करें निरस्त, संविधान के प्रावधानों व भावनाओं के खिलाफ
⚫ विधायक चेतन्य काश्यप ने केंद्रीय पशुपालन मंत्री को पत्र लिखा
⚫ अहिंसक समाज इस विधेयक पर आक्रोश और घोर विरोध भी
हरमुद्दा
रतलाम, 19 जून। पशुधन आयात और निर्यात विधेयक 2023 (ड्राफ्ट)को निरस्त किया जाना अत्यंत आवश्यक है। इस ड्राफ्ट पर गंभीरता से पुनर्विचार कर तत्काल इसे निरस्त किया जाए। यह मांग विधायक चेतन्य काश्यप ने भारत सरकार के पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला को पत्र लिखकर की है।
श्री काश्यप ने बताया कि पशुधन आयात और निर्यात हमारी संस्कृति के विरूद्ध है। इसे लेकर समस्त अहिंसक समाज इस विधेयक पर आक्रोश में है और इसका घोर विरोध भी हो रहा है। पशुधन आयात और निर्यात विधेयक 2023 का ड्राफ्ट जारी होने के बाद से इसका विरोध शुरू हो गया था।
संविधान के प्रावधानों व भावनाओं के खिलाफ
विधायक श्री काश्यप ने बताया कि उक्त ड्राफ्ट आश्चर्यजनक रूप से मवेशियों और जानवरों को कमोडिटी के रूप में परिभाषित करता है और उनको लाइव स्टॉक एक्सपोर्ट करने की कानूनी जामा पहनाना चाहता है। जिंदा पशु, पक्षियों एवं मवेशियों को हेरा-फेरी कर उनके आयात-निर्यात को इस तरह से पुश करना संविधान के प्रावधानों व भावनाओं के खिलाफ है। ऐसे में इस ड्राफ्ट को समस्त अहिंसक समाज के विरोध व आक्रोश को देखते हुए तत्काल निरस्त किया जाना अत्यंत आवश्यक है।