कोर्ट का फैसला : बेटी को किया विधवा, जमाई को उतारा मौत के घाट, ससुर को सश्रम आजीवन कारावास
⚫ 2 वर्ष पहले का है घटनाक्रम
⚫ ससुर ने किया था जमाई पर कुल्हाड़ी से हमला
⚫ उपचार के दौरान हो गई मौत
हरमुद्दा
रतलाम 20 जून। पारिवारिक विवाद में ससुर और जमाई में हाथापाई हुई विवाद इतना बढ़ा कि ससुर ने जमाई पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। उपचार के दौरान जमाई की मौत हो गई। बेटी विधवा हुई। कोर्ट में चले प्रकरण के बाद अपर सत्र न्यायाधीश अरुण खरादी ने आरोपी ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और अर्थदंड से दंडित किया। शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक सतीश त्रिपाठी ने पैरवी की।
अपर लोक अभियोजक सतीश त्रिपाठी ने हरमुद्दा को बताया कि घटना 21 मई 2021 की है। रात्रि 11:30 बजे ग्राम कुआंझागर में मोहन लाल व उसके पुत्र भेरूलाल के साथ बद्रीलाल द्वारा मारपीट की। भेरूलाल के सिर पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया था। आरोपी बद्रीलाल की लड़की का विवाह मृतक भेरूलाल के साथ लगभग 6 वर्ष पूर्व हुआ था। दोनों एक ही गांव के हो कर घर पास पास में थे। इस कारण लूणकी का बार-बार बिना बताए अपने पीहर बद्रीलाल के घर चली जाती थी।
पत्नी को लेने पति आया था ससुराल
घटना दिनांक को भी लूणकी अपने पिता आरोपी के घर पर शाम को बिना बताए चली गई थी। इस बात से नाराज होकर भेरूलाल उसको लेने ससुराल गया था। भेरूलाल को घर पर देखकर बद्रीलाल ने गाली गलौज की।
दोनों में हुई मारपीट
फिर बद्रीलाल ने दोनों के साथ मारपीट कर दी। जिस पर भेरूलाल को गंभीर चोट आई। उसे रतलाम जिला चिकित्सालय लाया गया। इलाज के दौरान उसे अहमदाबाद भी ले जाया गया। लेकिन भेरूलाल की मृत्यु हो गई।
मामला किया कोर्ट में प्रस्तुत, आजीवन कारावास की सजा
इसके बाद पुलिस द्वारा भादवि की धारा 302 में मामला पंजीबद्ध कर न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां अपर सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार खरादी ने साक्ष्य के पश्चात आरोपी बद्रीलाल को भारतीय दंड विधान की धारा 302 में दोषी मानते हुए सश्रम आजीवन कारावास एवं ₹5000 के अर्थदंड से दंडित किया। शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक श्री त्रिपाठी ने पैरवी की ।