भूस्खलन : रात में हुए भूस्खलन के हादसे में लोग सोते रह गए, अब तक 5 की मौत कई मलबे में दबे

सूचना मिलते ही राहत एवं बचाव दल मौके पर पहुंचा

⚫ अब तक 75 से अधिक को बचाया

⚫ मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का लिया जायजा

हरमुद्दा
मुंबई, 20 जुलाई। महाराष्ट्र के रायगढ़ में जब रात को ग्रामीण सो रहे थे, तभी भूस्खलन की घटना हुई। चट्टान खिसकने से कई घर जमींदोज हो गए। हादसे में अब तक 5 की मौत हो चुकी है। सूचना मिलते ही राहत एवं बचाव दल मौके पर पहुंचा। दल के लोगों ने अब तक 75 लोगों को बाहर निकाल लिया है। और भी लोग मलबे में फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मौके पर पहुंचे और जायजा लिया। राहत बचाव दल को निर्देशित किया।

राहत एवं बचाव दल मौके पर

स्थानीय प्रशासन के साथ NDRF की टीमें भी बचाव कार्य में लगी हुई हैं। भारी बारिश की वजह से राहत और बचाव कार्यों में बाधा आ रही है। भूस्खलन बुधवार (19 जुलाई 2023) की रात लगभग 12 बजे हुआ। राजगढ़ जिले के खालापुर इलाके की है। बुधवार को यहाँ तेज बारिश हो रही थी। पहाड़ी क्षेत्र के इस इलाके में एक चट्टान सरक कर नीचे आने से इरशालवाडी गाँव मलबे के नीचे दब गया। गाँव में लगभग 30 परिवार रहते हैं। घटना की जानकारी जैसे ही स्थानीय प्रशासन को हुई मौके पर NDRF और SDRF की टीम को भी बुलाया गया।

75 को निकाला बाहर 21 घायल

अब तक मिली जानकारी के अनुसार मलबे से कुल 75 लोगों को बाहर निकाला गया है। इनमें 21 घायल हैं। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मलबे में कुछ और लोगों के दबे होने की आशंका है। मुख्यमंत्री के अलावा राज्य सरकार के 3 सीनियर मंत्री गिरीश महाजन, दादाजी भूसे और उदय सामंत भी भूस्खलन प्रभावित स्थान पर पहुँचे। नवी मुंबई और पनवेल म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के सीनियर अधिकारी भी मौके पर प्रशासन की मदद के लिए भेजा गया है।

30 जुलाई 2014 को पुणे जिले मैं हुआ था हादसा

30 जुलाई 2014 को पुणे जिले की अंबेगांव तहसील के मालिन गांव में हुए भूस्खलन के बाद यह महाराष्ट्र में सबसे बड़ा भूस्खलन है। भारी भूस्खलन ने लगभग 50 परिवारों वाले पूरे आदिवासी गांव को निगल लिया था। जब बचाव अभियान रोक दिया गया तो मरने वालों की अंतिम संख्या 153 थी।

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