वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे पत्रकार और संपादक की पाठशाला : विधानसभा चुनाव में राजनीतिक समाचार को लेकर बरते सावधानी, वरना होगी परेशानी -

पत्रकार और संपादक की पाठशाला : विधानसभा चुनाव में राजनीतिक समाचार को लेकर बरते सावधानी, वरना होगी परेशानी

1 min read

आचार संहिता लगते ही नियम होंगे लागू

जिला स्तरीय एमसीएमसी कमेटी का गठन

एमसीएमसी की रहेगी नजर

पाठशाला में मास्टर ट्रेनर डॉ. सुरेश कटारिया और डॉ. रियाज मंसूरी बताएं कानून, कायदे और दायरे

हरमुद्दा
रतलाम 2 अक्टूबर। जिले में आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 के को लेकर पत्रकारों तथा संपादकों की पाठशाला हुई जिसमें जानकारी ने बताया कि समाचार को लेकर सावधानी बढ़ती जाए वरना एमसीएमसी की नजर रहेगी जिससे आपकी परेशानियां बढ़ सकती है। राज्य निर्वाचन के दौरान आपको क्या-क्या सावधानी बरतनी है।

पत्रकारों और संपादकों की पाठशाला में कलेक्टर जानकारी देते हुए

कलक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी की मौजूदगी में हुई पाठशाला में अपर कलेक्टर आईएस मंडलोई, यशवंत कुमार मिश्रा, जनसंपर्क अधिकारी शकील खान की मौजूदगी में हुई  पाठशाला में मास्टर ट्रेनर डॉ. सुरेश कटारिया, डॉ. रियाज मंसूरी ने सिलसिलेवार समाचार के कानून कायदे और दायरे के विषय में जानकारी दी।

पेड न्यूज की होगी निगरानी

कलेक्टर सूर्यवंशी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के मद्दे नजर जिला स्तरीय एमसीएमसी कमेटी का गठन किया गया। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं समस्त मीडिया में प्रकाशित होने वाली पेड न्यूज की कड़ी निगरानी की जाएगी। आयोग के निर्देशों का सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। राजनीतिक दलों को इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणीकरण एमसीएमसी कमेटी से कराना होगा।

समाचारों का विश्लेषण पेड न्यूज के दायरे में

मास्टर ट्रेनर डॉ. कटारिया, डॉ. मंसूरी ने बताया कि किसी भी प्रकार के मीडिया में नगद या किसी भी कीमत प्रतिफल के रूप में प्रदर्शित होने वाले समाचार या विश्लेषण को पेड न्यूज़ के रूप में परिभाषित किया गया है। पेड न्यूज को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 77 एवं 123 (6) के उल्लंघन के रूप में देखा जाएगा जो निर्वाचन खर्च की अधिकतम सीमा एवं निर्वाचन में भ्रष्ट आचरण के संबंध में है।

पाठशाला में मौजूद संपादक पत्रकार

⚫ एक ही समय के आसपास अलग-अलग लेखन की बाई लाइन वाले प्रतिस्पर्धी प्रकाशनों में दिखाई देने वाली तस्वीर के साथ समान आलेख पेड नयूज़ माने जाएंगे।

⚫ विशिष्ट समाचार पत्र के इस पृष्ठ पर निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी की प्रशंसा करने वाले लेख का प्रकाशित करना, जिसमें दावा किया गया हो कि इस निर्वाचन में दोनों के विजई होने की संभावना है।

⚫ ऐसी न्यूज़ आइटम जिसमें कहा गया हो कि अभ्यर्थी को समाज के प्रत्येक वर्ग का समर्थन मिल रहा है और वह निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन में विजयी होगा। ऐसी न्यूज़ आइटम जिसमें बिना नाम प्रदर्शित की अभ्यर्थी का समर्थन किया गया हो, एक बैनर शीर्षक को प्रकाशित करने वाला समाचार पत्र जिसमें कहा जाए कि दल या अभ्यर्थी राज्य निर्वाचन क्षेत्र में इतिहास रचने को तैयार है किंतु इस शीर्षक से संबंधित कोई खबर नहीं छपी, ऐसी खबर जिसमें यह कहा जाए कि एक दल या अभ्यर्थी द्वारा किए गए अच्छे कार्यो ने अन्य दल अभ्यर्थी की  संभावनाओं को कम कर दिया है आदि।

जोड़ा जाएगा चुनावी खर्च में

जिला एमसीएमसी कमेटी से संदिग्ध पेड न्यूज प्रकरण की सूचना प्राप्त होने पर रिटर्निंग अधिकारी 96 घंटे के भीतर अभ्यर्थियों को नोटिस जारी करेंगे और बताएंगे कि क्यों ना व्यय को अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में जोड़ा जाए। अभ्यर्थी को जवाब देने के लिए 48 घंटे का समय दिया जाएगा। जवाब प्राप्त होते ही जिला एमसीएमसी शीघ्रता से निर्णय कर अभ्यर्थी को सूचित करेगी।

48 घंटे की भीतर अपील की भी सुविधा

जिला एमसीएमसी के निर्णय के विरुद्ध 48 घंटे में राज्य एमसीएमसी में अपील की जा सकेगी। राज्य एमसीएससी 96 घंटे में निर्णय लेगी। राज्य एमसीएमसी के निर्णय के रूप में अपील के लिए 48 घंटे का समय रहेगा। पेड न्यूज पाए जाने पर निर्धारित मानक दरों के आधार पर इसका वास्तविक खर्च उम्मीदवार के चुनाव खाते में जोड़ा जाएगा। उम्मीदवार का नाम सीईओ की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा। चुनाव संपन्न होने के तुरंत बाद सभी पेड न्यूज के पुष्टि किए गए मामले दस्तावेजों के साथ सीईओ द्वारा आयोग को प्रस्तुत किए जाएंगे ।

तो फिर प्रकाशक के विरुद्ध कार्रवाई

जिला एमसीएमसी विज्ञापन प्रमाणन का कार्य करेगी। विज्ञापन का प्रकाशन अभ्यर्थी या दल की सहमति से नहीं किया गया तो प्रकाशक के विरुद्ध आईपीसी की धारा 171 एच के उल्लंघन की कार्रवाई की जाएगी। मतदान के दिन तथा उसके एक दिन पूर्व राजनीतिक दल अभ्यर्थी संगठन या व्यक्ति द्वारा प्रिंट मीडिया में प्रकाशित किए जाने वाले विज्ञापनों का एमसीएमसी कमेटी से प्रमाण अनिवार्य है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों  का पूर्व प्रमाणन आवश्यक है। इनमें टीवी केबल, नेटवर्क केबल, चैनल, सिनेमा हॉल, रेडियो, प्राइवेट एफएम चैनल, ऑडियो विजुअल, सार्वजनिक स्थान पर डिस्प्ले बोल के एसएमएस रिकॉर्ड वॉइस, मैसेज, मोबाइल नेटवर्क इन न्यूज़ पेपर, सोशल मीडिया तथा इंटरनेट वेबसाइट शामिल है। इसके लिए निर्धारित समय सीमा में पूर्व प्रमाण हेतु निर्धारित प्रपत्र ए में आवेदन करना होगा। समिति द्वारा प्रपत्र बी में प्रमाणीकरण दिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *