कोर्ट का फैसला : आरोपियों ने परेशान किया तो सुनील ने जहर खाकर कर ली आत्महत्या, उकसाने वाले आरोपी वीरेंद्र वाघेला को हुई 7 वर्ष की जेल, दूसरा आरोपी चेतन अभी भी है फरार
⚫ मामला 10 साल पुराना
⚫ मृतक की जेब से निकले सुसाइड नोट से हुआ था खुलासा
⚫आरोपियों ने अवैध संबंध के साथ ही मृतक से पत्नी को रखा था एक साल तक दूर
⚫ फैसला हो गया था अप्रैल 2023 में ही मगर आरोपी थे फरार
हरमुद्दा
रतलाम, 12 अक्टूबर। करीब 10 साल पहले आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले आरोपियों ने न केवल उसकी पत्नी से अवैध संबंध रखे, अपितु 1 साल तक पत्नी को दूर भी रखा। मानसिक रूप से परेशान पति ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। जेब से निकले सुसाइड नोट में आरोपियों के नाम थे, जिस पर प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायाधीश लक्ष्मण कुमार वर्मा ने आरोपी को 7 साल की सजा तथा अर्थ दंड से दंडित किया। दूसरा आरोपी चेतन अभी भी फरार है जब वह मौजूद होगा, तब उसे सजा सुनाई जाएगा।
अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान ने हरमुद्दा को बताया कि 26 अप्रैल 2013 को रात्रि 8 बजे के लगभग थावरिया बाजार निवासी सुनील पिता श्रेणिक राज पावेचा द्वारा जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी, जिसमें थाना स्टेशन रोड पुलिस द्वारा मार्ग क्रमांक 18/ 2013 धारा 174 दंड प्रक्रिया संहिता का दर्ज किया था।
आरोपियों ने अवैध संबंध के साथ ही मृतक से पत्नी को रखा था एक साल तक दूर
मार्ग जांच में यह आया था कि मृतक की जेब में रखे सुसाइड नोट व मृतक के भाई जीजा भांजे के कथनों में आए तथ्य के अनुसार मृतक की पत्नी से आरोपी वीरेंद्र सिंह के अवैध संबंध थे। मृतक की पत्नी को आरोपियों द्वारा मृतक से करीब 1 साल से अलग करवा रखा था। आरोपी वीरेंद्र सिंह बाघेला एवं चेतन बघेला द्वारा आए दिन मानसिक रूप से परेशान करना, तानाकशी करना व मारपीट की धमकी देता था।
आरोपियों ने उकसाया तो कर ली आत्महत्या
आरोपियों द्वारा मृतक को इतना दुष्प्रेरित किया जिसके परिणाम स्वरूप मृतक सुनील पावेचा ने तंग आकर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी। थाना स्टेशन रोड पर आरोपियों के विरुद्ध धारा 306 भादवि का प्रकरण अपराध क्रमांक 173/ 13 पर दर्ज किया गया था। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।
6 अप्रैल 23 को न्यायाधीश ने पाया था दोषी
तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में आरोपी का विचारण किया गया। अभियोजन द्वारा अपनी साक्षी प्रस्तुत की गई। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य, सुसाइड नोट एवं तर्कों से सहमत होकर आरोपियों को उक्त अपराध का दोषी पाया था 6 अप्रैल 2023 को न्यायालय तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्ष्मण कुमार वर्मा द्वारा आरोपियों को दोषी पाया था, परंतु आरोपी निर्णय दिनांक को न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए। उनका स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। कुछ दिन पहले आरोपी वीरेंद्र सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, जहां गुरुवार को न्यायाधीश वर्मा द्वारा आरोपी वीरेंद्र सिंह को 12 अक्टूबर 2023 को 7 वर्ष के श्रम कारावास एवं ₹1000 के अर्थ दंड से दंडित किया गया। दूसरा आरोपी चेतन अभी फरार ही चल रहा है जब वह मौजूद होगा तब उसे सजा सुनाई जाएगी। प्रकरण में पैरवी संजीव सिंह चौहान ने की।