सामाजिक सरोकार : नहीं बचाया जा सका एकाकी जीवन जी रहे राधेश्याम माहेश्वरी को
⚫ काकानी सोशल वेलफेयर ने निभाया दायित्व
⚫ दो बेटियों और पत्नी की हो चुकी है मौत
⚫ मेडिकल कॉलेज में हुआ ऑपरेशन, 1 महीने तक चला उपचार
हरमुद्दा
रतलाम, 11 जनवरी। एकाकी जीवन जी रहे राधेश्याम माहेश्वरी (72) को बीमारी की हालत में विगत एक माह से ज्यादा दिनों से जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज व पुनः ऑपरेशन के पश्चात जिला अस्पताल भर्ती कराया परंतु उसके बाद भी बचाया नहीं जा सका। भक्तों की बावड़ी पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी ने हरमुद्दा को बताया कि बीमारी की हालत में समाजसेवियों द्वारा राधेश्याम को जिला चिकित्सालय के अस्पताल में 6 दिसंबर 2023 को भर्ती कराया था। तीन दिन पश्चात ठीक होने पर उसे छुट्टी दे दी गई। वापस 11 दिसंबर को कमर दर्द के कारण जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया, जिसे एक दिन पश्चात कुल्हे की हड्डी में फैक्चर होने पर मेडिकल कॉलेज रतलाम भेज दिया गया, जहां उसका सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया, परंतु वहां पर उसकी देखरेख करने वाला वहां पर कोई नहीं होने से उन्हें मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर द्वारा समाजसेवी श्री काकानी से अनुरोध करने पर जिला चिकित्सालय आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करवाया।
प्रतिदिन बिस्तर पर ही सभी क्रियाएं, देखरेख एवं चिकित्सा के पश्चात भी हालत बिगड़ती गई और देर रात्रि में उनका स्वर्गवास हो गया।
बड़े भाई ने दी जानकारी
पूरे प्रकरण में परिवार के सदस्य भाई बृजमोहन (बोरदिया) माहेश्वरी ने बताया कि मेरा छोटा भाई राधेश्याम माहेश्वरी के दो बेटियों की मृत्यु हो गई है और पत्नी चली गई ऐसे में वह एकांकी जीवन जी रहा। अभी तक आप इसकी देखभाल कर रहे थे।
भक्तन की बावड़ी पर हुआ अंतिम संस्कार
बड़े भैया ने माहेश्वरी समाज के पूर्व अध्यक्ष माधव काकानी को पूरे घटना से अवगत कराया। उन्होंने सामाजिक दायित्व निभाने के लिए काकानी फाउंडेशन की ओर से निर्देश दिया। भक्तन की बावड़ी पर विधि विधान से बड़े भाई बृजमोहन, कार्तिक चोरडिया की उपस्थिति में समन्वय परिवार, प्रभु प्रेमी संघ एवं माहेश्वरी समाज की ओर से पुष्पांजलि अर्पित कर अंतिम संस्कार किया गया।