महिला सशक्तिकरण सप्ताह :  जिला स्तरीय कार्यशाला में सिखाया बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का सबक

विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धि के लिए बालिकाओं को किया सम्मानित

महिलाएं बने आर्थिक आधार पर सशक्त : सिन्हा

बालिकाओं को किया जागरूक गुड टच बेड टच के बारे में

बेटियों के जन्म पर बजाते हैं बैंड श्रवण डांगी

हरमुद्दा
रतलाम 11 जनवरी। जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास रजनीश सिन्हा की अध्यक्षता में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अन्तर्गत महिला सशक्तिकरण सप्ताह के प्रथम दिवस पर कार्यशाला सह सम्मान समारोह आयोजित किया गया। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धि के लिए बालिकाओं को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ श्री सिन्हा द्वारा मां सरस्वती को माल्यार्पण कर लिया गया। श्री सिन्हा द्वारा महिला सशक्तिकरण सप्ताह के आयोजन पर प्रकाश डालते हुए महिलाओं के आर्थिक आधार को सशक्त बनाने के लिए बताया गया। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया।

बालिकाओं को किया जागरूक गुड टच बेड टच के बारे में

सहायक संचालक रविन्द्र कुमार मिश्रा द्वारा भी उपस्थित प्रतिभागियों पाक्सो एक्ट, पॉश एक्ट की जानकारी दी गई। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की नोडल अधिकारी सुश्री अंकिता पण्ड्या द्वारा गुड टच बेड टच के बारे में बताते हुए बालिकाओ को और उपस्थित समुदाय को जनजागरूकता की पहल की। बालिकाओं को भी अपने माता-पिता की आर्थिक क्षमता में सीमित रहने की समझाईश दी ताकि किसी भी प्रकार के लालच से बालिकाओं का शोषण न हो सके। चाईल्ड लाईन जिला समन्वयक प्रेम चौधरी द्वारा कोमल फिल्म देखने के लिए प्रेरित किया ताकि गुड टच बेड टच के बारे में बालिकाएं जान सके।

बेटियों के जन्म पर बजाते हैं बैंड श्रवण डांगी

पलसोड़ा गांव के श्रवण डांगी जो कि विगत् 8 वर्षों से गांव गांव में बेटी जन्म को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी टीम के साथ बैण्ड बजाते है और बालिका जन्म पर खुशी के माहौल को निर्मित करते है, इनके द्वारा बेटी जन्म पर हर्षोल्लास के माहौल को निर्मित करने हेतु उद्बोधन दिया गया। कार्यक्रम में पंडित, कैटरर्स, पत्रिका छापने वाले प्रिण्टर्स उपस्थित रहे। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा बताया गया कि बाल विवाह के लिए हर वो शख्स दोषी रहता है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बाल विवाह में सम्मिलित रहता है। साथ ही यह भी बताया गया कि बाल विवाह को रोकने के लिए जन जागरूकता आवश्यक है।

बालक बालिकाओं की करें सामान परवरिश : यशोदा राजावत

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की शाखा प्रभारी यशोदाकुंवर राजावत द्वारा एक वर्किंग वुमेन, एक बालिका की माता होने की हैसीयत से अपने अनुभव को सांझा करते हुए बालक बालिका की समान परवरिश पर जोर दिया गया। साथ ही बालिकाओं को रिश्तों की समझ से रूबरू किया। उपस्थित प्रतिभागियों से यह भी पहल की कि कार्यशाला में हुई वार्ता को वो अपने तक सीमित न रखे वरन् सामाजिक वातारण में इसको फैलाए। अनावश्यक विषयों पर वार्तालाप की बजाय महिला सशक्तिकरण और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अपनी वार्ता का विषय बनाए ताकि बात बात में सही बात, सही ज्ञान का फैलाव समाज में हो सके।

किया सम्मानित

सम्मानित बालिकाएं अतिथियों के साथ

कार्यक्रम के दौरान चाईल्ड लाईन के पूरे स्टाफ का सम्मान, बेटी बचाओ हेतु प्रेरक श्री डांगी और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए बालिकाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान जिला महिला बाल विकास रतलाम का स्टॉफ, ब्लाक समन्वयक, पर्यवेक्षक उपस्थित रहे। आभार पर्यवेक्षक मालती शर्मा द्वारा माना गया।

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