धर्म संस्कृति : रतलाम में श्री लीला समारोह हुआ शुरू

प्रथम दिवस निषाद राज गुह्य लीला की प्रस्तुति दी गई

हरमुद्दा
रतलाम 11 जनवरी। मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से कालिका माता मंदिर परिसर रतलाम में गुरुवार संध्या को श्री राम कथा के विशिष्ट चरितों आधारित श्री लीला समारोह शुरू हुआ। प्रथम दिवस विशाल कुशवाहा के निर्देशन में निषाद राज गुह्य लीला की प्रस्तुति दी गई।

लीला नाट्य निषादराज गुह्य में बताया कि भगवान राम ने वन यात्रा में निषादराज से भेंट की। भगवान राम से निषाद अपने राज्य जाने के लिए कहते हैं लेकिन भगवान राम वनवास में 14 वर्ष बिताने की बात कहकर राज्य जाने से मना कर देते हैं। आगे के दृश्य गंगा तट पर भगवान राम केवट से गंगा पार पहुंचाने का आग्रह करते हैं लेकिन केवट बिना पांव पखारे उन्हें नाव पर बैठाने से इंकार कर देता है। केवट की प्रेम वाणी सुन, आज्ञा पाकर गंगाजल से केवट पांव पखारते हैं। नदी पार उतारने पर केवट राम से उतराई लेने से इंकार कर देते हैं। कहते हैं कि हे प्रभु हम एक जात के हैं मैं गंगा पार कराता हूं और आप भवसागर से पार कराते हैं इसलिए उतरवाई नहीं लूंगा। लीला के अगले दृश्यों में भगवान राम चित्रकूट होते हुए पंचवटी पहुंचते हैं। सूत्रधार के माध्यम से कथा आगे बढ़ती है। रावण वध के बाद श्री राम अयोध्या लौटते हैं और उनका राज्याभिषेक होता है। लीला नाट्य में श्री राम और वनवासियों के परस्पर सम्बन्ध को उजागर किया गया।

यह थे मौजूद

इस दौरान महापौर द्वारा भूमिका निभाने वाले दल से परिचय प्राप्त किया गया। समाजसेवी गोविंद काकानी, उप संचालक सामाजिक न्याय संध्या शर्मा, उपायुक्त नगर निगम विकास सोलंकी आदि उपस्थित थे।

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