धर्म संस्कृति : यदि राम को प्राप्त करना है तो अपने मानस में राम जी के चरित्र को उतारना जरूरी

अंतरराष्ट्रीय वक्ता आचार्य सत्यव्रत शास्त्री ने कहा

पूर्व विधायक एवं विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी ने की पूजा अर्चना

आसपास के गांव के श्रद्धालु आ रहे कथा श्रवण करने

भजनों पर श्रद्धालु कर रहे हैं नृत्य

हरमुद्दा
उज्जैन, 12 जनवरी। विष की तो औषधि है परंतु विषय भोगों की कोई औषधि नहीं होती। यदि श्रीराम को प्राप्त करना है तो अपने मानस में श्रीराम जी के चरित्र को उतारना पड़ेगा। श्री राम राजमणि है। श्री राम चरित मानस को अपने हृदय कपाट पर विराजमान करें। श्री राम जी एवं श्री राम जी की कृपा को प्राप्त करें। सैकड़ो वर्षों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा को देखने और सुनने का अवसर मिला है। हम सभी बहुत ही पुण्यशाली हैं।

यह विचार अंतरराष्ट्रीय वक्ता आचार्य सत्यव्रत शास्त्री ने व्यक्त किए। आचार्य शास्त्री खाचरोद तहसील के ग्राम नारेली में सकल पंच द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह में धर्मालुजन को संबोधित कर रहे थे। नारेली में 8 जनवरी से श्रीमद् भागवत सप्ताह का आयोजन चल रहा है जिसका समापन 14 जनवरी को होगा। आचार्य शास्त्री ने श्रद्धालुओं को समुद्र मंथन, श्री रामावतार, श्री कृष्ण अवतार की भावमय कथा भक्तों को श्रवण करवाई।

कई गांव के श्रद्धालु आ रहे कथा श्रवण करने

श्रीमद् भागवत सप्ताह में गांव सेदरी, बड़ावदा, डोठिया, चापाखेड़ा, आक्या, तारोद, बरखेड़ा आदि कई गांव के भक्तजन का सैलाब कथा सुनने के लिए उमड़ रहा है। गौ एवं गौशाला उत्थान संगठन के प्रदेश संगठन मंत्री, भागवत प्रवक्ता डॉ. महेशानंद शास्त्री पंचेड़ वाले सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दे रहे हैं। उनके भजनों पर श्रद्धालु नृत्य कर अपनी भक्ति भावना व्यक्त कर रहे हैं।

व्यास पीठ पर श्रीमद् भागवत का किया पूजा अर्चन

आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व विधायक लालसिंह राणावत एवं विश्व हिंदू परिषद हिंदू जागरण मंच प्रांत संयोजक भेरूलाल टाक द्वारा व्यास पीठ पर श्रीमद् भागवत ग्रंथ की पूजा अर्चनाकर आचार्य शास्त्री का सम्मान किया। श्रीमद् भागवत सप्ताह आयोजन समिति सकल पंच नारेली ने श्रद्धालुओं से श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने का आह्वान किया है।

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