विचार सरोकार : विश्व की सांस्कृतिक चेतना का केंद्र बनेगा अयोध्या

राम आएंगे : बनेगा कीर्तिमान, सुलभ होंगे रोजगार के अवसर

संजय परसाई ‘सरल’

वर्तमान में पूरा देश खुशी के माहौल में रंग गया है। हर कोई राममय हो नाच रहा है, गा रहा है, खुशियां मना रहा है। गांव, शहर, महानगर सभी जगह की गली- मोहल्ले को सजाया जा रहा है। पांच सौ वर्षों का इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। यही कारण है कि देशभर से राम भक्तजन अयोध्या के लिए कुच कर रहे हैं। विदेशी भक्त भी अयोध्या आने को आतुर है। कोई हजारों किलोमीटर से यात्रा लेकर अयोध्या पहुंच रहे हैं, तो कई पैदल, रेल, बस या हवाई यात्रा के जरिए रामलीला के दर्शनार्थ पहुंचेंगे।


भारत माता आरती के प्रणेता और वरिष्ठ चित्रकार  बाबा सत्यनारायण मौर्य भी चरण पादुका रथयात्रा लेकर अयोध्या की यात्रा पर हैं। ये वही बाबा मौर्य हैं जिन्होंने सर्वप्रथम नारा दिया था ‘रामलला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे’। कार सेवा के दौरान बाबा ने ही अयोध्या की दीवारों को ऐसे ही नारों से चित्रमय कर दिया था।


जिनकी आस्था राम में है वह सभी अयोध्या पहुंचने और रामलाल के दर्शन को आतुर है। जनकपुरी से सैंकड़ो श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहै है जबकि रतलाम में तैयार चांदी का दीपक पूर्व में ही अयोध्या पहुंच चुका है। वहीं रतलाम से ही रुद्राक्ष रथयात्रा अयोध्या के लिए प्रस्थान कर चुकी है। 108 फीट लंबी अगरबत्ती भी अयोध्या पहुंच चुकी है।ढाई किलो का सोना व अन्य धातुओं से निर्मित धनुष के साथ ही 17 किलो सोने से निर्मित अश्वमेघ घोड़ा भी अयोध्या पहुंचने को आतुर है।

वहीं अयोध्या के आसपास के 100 से अधिक गांवों के ठाकुर परिवार जो राम मंदिर बनने तक पगड़ी व जूतों का त्याग कर चुके थे अयोध्या आएंगे। वहीं शबरी के नाम से विख्यात उर्मिला बहन जो राम मंदिर बनने और रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा और दर्शन हेतु 31 वर्षों से मौन व्रत धारण कर चुकी थी वह भी अयोध्या पहुंच रही है, जहां वह रामलाल के दर्शन कर अपना मौन व्रत पूर्ण करेंगी। साथ ही जगतगुरु, महामंडलेश्वर, संत समुदाय, आचार्य, पीठाधीश्वर, शहीद कार सेवकों के परिजन, अखाड़ों के प्रमुख, वीवीआईपी अयोध्या पहुंच रहे है।


ऐसा नहीं है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की खुशियां केवल भारत भर तक ही सीमित है। इस समारोह का उत्साह विश्व के पचास से अधिक देशों में देखने को मिल रहा है। यह कहा जा सकता है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या विश्व की सांस्कृतिक चेतना का केंद्र बन जाएगा, जहां हजारों लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। वहीं करोड़ों का व्यापार प्रतिदिन अयोध्या में होने लगेगा। पर्यटकों, दर्शनार्थियों की लंबी फेहरिस्त भी प्रतिदिन अयोध्या में देखने को मिलेगी। यही कारण है कि देश भर से सैकड़ो होटल के प्रस्ताव अयोध्या हेतु आ रहे हैं। अतः यही कहा जा सकता है कि राम आएंगे तो विश्व में बनेगा कीर्तिमान और धन-धान्य, रोजगार और संपदा से परिपूर्ण होगी राम की अयोध्या नगरी।

संजय परसाई ‘सरल’,118,शक्तिनगर, गली नंबर 2
     रतलाम (मप्र)

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