सामाजिक सरोकार : देहदान के लिए मनाया परिवार को, नेत्रदान में आई जागरूकता के साथ ही देहदान के लिए भी जागृति जरूरी
⚫ काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव के सार्थक हुए प्रयास
⚫ साथ में रहे देहदानी परिवार के सुशील छाजेड़
⚫ देहदान के लिए अनिल जैन ने सौंपा सहमति पत्र
⚫ पोती माही ने बोला दादाजी पर मुझे है गर्व
हरमुद्दा
रतलाम, 29 फरवरी। देहदान के प्रति जागृति के लिए काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी के प्रयास सतत जारी है। रतलाम मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए देह का होना बहुत जरूरी है। उसकी कमी रहते विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल अनुभव में कमी आती है। श्री काकानी के साथ देहदानी परिवार के सदस्य ने समझाया तो अनिल जैन राजी हुए और देहदान के लिए सहमति पत्र सौंपा। नेत्रदान के लिए जिस तरह जागरूकता आई है वैसे ही देहदान के प्रति भी जागृति अति आवश्यक है।
मानव देह की कमी को दूर करने के लिए संभागीय अंगदान प्रत्यारोपण प्राधिकार समिति सदस्य और पूर्व पार्षद श्री काकानी ने अपने पुराने वार्ड शास्त्री नगर के देहदानी परिवार सुशील छाजेड़ के साथ मिलकर अनिल कुमार जैन निवासी गुलमोहर कॉलोनी रतलाम से चर्चा की। उन्होंने परिवार में धर्मपत्नी श्रीमती हंसा जैन, पुत्र पंकज जैन एवं परिवार जनों से सहमति प्राप्त कर देहदान के लिए मनवा लिया।
सहमति पत्र सौपे
समाजसेवी काकानी ने सहमति पत्र परिवार जन की स्वीकृति बनाकर मेडिकल कॉलेज एनाटॉमी विभागाध्यक्ष राजेंद्र सिंगरौले को दे दिया गया। जहां से उन्हें देहदान परिचय पत्र मेडिकल कॉलेज डीन डॉ जितेंद्र गुप्ता द्वारा काकानी को प्रदान किया। जिसे उन्होंने देहदानकर्ता अनिल जैन के घर पर जा कर दिया।
पोती का कहना मुझे दादाजी पर गर्व
श्री काकानी ने बताया कि देहदानकर्ता अनिल जैन की पोती माही से पूछा कि दादाजी के इस पुनीत कार्य के बारे में तुम्हारे विचार क्या है, तब उसने बताया मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए देहदान जरूरी है, वे लोग इससे सीख कर अच्छे डॉक्टर बनेंगे। मुझे एवं परिवार को मेरे दादाजी पर गर्व है।
देहदान के लिए परिचय पत्र बनाने की प्रक्रिया जारी
इसी प्रकार शहर के अन्य भागों से भी देहदान के लिए मोबाइल पर सूचना प्राप्त होने पर घर जाकर उनके फॉर्म भर कर मेडिकल कॉलेज जमा किए जा रहे हैं। उनके परिचय पत्र बनने की प्रक्रिया जारी है।