फैसला : नाबालिग को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष की सजा

मौसी के घर जाने का बोलकर गई थी जो नहीं आई

करवाई पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज

विनोद पर जताई थी शंका

4 वर्षों से थी जान पहचान

हरमुद्दा
शाजापुर, 15 मार्च। न्यायालय विशेष न्याायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम  एवं चतुर्थ अपर सत्र न्या‍याधीश ने आरोपी विनोद पिता रामचरण निवासी ग्राम जामुनिया गणेश जिला राजगढ हाल मुकाम ग्राम मोहना थाना मोहम्मद बडोदिया जिला शाजापुर को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5(एल)/6 में 20 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने आरोपी को 3,000/- रुपए के अर्थदण्ड, भादवि की धारा 363 में 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- रुपए के अर्थदण्ड एवं भादवि की धारा 366 में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

जिला मीडिया प्रभारी सचिन रायकवार ने हरमुद्दा को बताया कि 29 दिसंबर 2022 को पीड़ित-बालिका के पिता ने थाने पर सूचना दी की, उसकी लडकी जो कक्षा 11 वी में पढती है वह 28 दिसंबर 2022 को सुबह 11 बजे मासी के घर मिलने जाने का बोलकर घर से गई थी जो शाम तक घर वापस नहीं आई। उसकी परिवार में तलाश करने पर कोई पता नहीं चला। फरियादी की सूचना पर पुलिस द्वारा गुमशुदगी दर्ज की गई। विवेचना के दौरान पुलिस द्वारा पीडिता के माता पिता व साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गए जिसमें उन्होने बताया कि विनोद उसे ले गया होगा।

विनोद के कब्जे से मिली नाबालिग

पुलिस ने विवेचना में पीड़िता को अभियुक्त विनोद के कब्जे  से दस्तयाब किया । उसके बाद पीड़िता के पुलिस द्वारा कथन लेखबद्ध किए गए, जिसमें पीड़िता ने बताया कि वह 4 वर्षो से विनोद को पहचानती है, विनोद से उसकी बातचीत होती थी, विनोद उसे शादी का झांसा देकर इंदौर व फिर मोरबी लेकर गया, वहां उन्होने मंदिर में शादी कर ली और मोरबी में ही एक कमरे में रहकर कई बार शारीरिक संबंध बनाए। 

अब सिद्ध होने पर सुनाई सजा

पीड़िता की उम्र 18 वर्ष से कम थी, इसलिए पीडिता नाबालिग होने के कारण पॉक्सो एक्ट एवं भादवि की अन्य धाराओं में अपराध पुलिस द्वारा पंजीबद्ध किया गया।
अनुसंधान पश्चात पुलिस ने न्यायालय में आरोपी के विरूद्ध चालान पेश किया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक शाजापुर प्रतीक श्रीवास्तव ने की। अंतिम बहस जिला लोक अभियोजन अधिकारी देवेन्द्र कुमार मीणा ने की। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को एवं अभिलेख पर आई साक्ष्य से सहमत हुए। आरोपी को दोषी पाते हुए दण्डित किया गया।

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