इंदौर के जिला पंजीयक ने रतलाम के व्यवसायी के साथ की धोखाधड़ी

वरिष्ठ जिला पंजीयक ने जाँच में सही पाई शिकायत

उप महानिरीक्षक पंजीयन को कार्रवाई के लिए पत्र

हरमुद्दा
रतलाम 18 मार्च। जिला पंजीयक इंदौर-3 समरथमल राठौर पर 10 साल पहले बदनावर में उप पंजीयक रहते धोखाधडी के आरोप लगे है। उन्होंने रतलाम के प्रसिद्ध अनाज व्यवसायी महेन्द्र कुमार टांक के साथ अचल संपत्ति की खरीद-फरोख्त में धोखाधडी की। अनाज व्यवसायी ने सीएम हेल्प लाइन सहित विभिन्न स्तर पर शिकायत की थी, जिसे जांच में इंदौर के वरिष्ठ पंजीयक दीपक शर्मा ने सही पाया है। उन्होंने उप महानिरीक्षक पंजीयन को जिला पंजीयक राठौर पर कार्रवाई के लिए पत्र लिख दिया है।

अनाज व्यवसायी महेन्द्र कुमार टांक ने कलेक्टर इंदौर, संभाग आयुक्त, ईओडब्ल्यू एवं लोकायुक्त एसपी के साथ सीएम हेल्प लाइन में शिकायत की थी। इसमें बताया था कि वर्ष 2009 से 2013 के बीच बदनावर जिला धार में उप पंजीयक रहे समरथमल राठौर ने उनसे जान पहचानकर ठगी की। समरथमल के कहने पर बदनावर की अग्रवाल कालोनी में एक भूखंड महेन्द्र ने अपनी पत्नी मायादेवी के नाम से पार्टनरशीप में खरीदा था। इस दौरान सिक्यूरिटी के रूप में समरथमल ने भूखंड की मूल रजिस्ट्री, कुछ खाली चेक ओर कोरे स्टाम्प लिए थे, जो बाद में भूखंड के रुपए देने के बाद भी नहीं दिए। इन्हीं चेकों को बाद उन्होंने अपने, राजमल जैन, जितेन्द्र पिता रामरतन राठौड, प्रवीण कुमार पिता पारसमल सिसौदिया और कंचनदेवी पिता रामररतन राठौड के नाम से बैंक में लगवाकर महेन्द्र के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर डाली।

बिना सहमति के प्लाट बेचने का प्रयास

शिकायत के अनुसार समरथमल ने बदनावर में खरीदे गए भूखंड को भी मायादेवी टांक की सहमति के बिना भगतसिंह मार्ग बदनावर निवासी पंकज कुमार पिता महेन्द्र प्रकाश शर्मा के नाम से पावर आफ अटार्नी बनवाकर बेचने का प्रयास किया। उसने मूल रजिस्ट्री नहीं लोटाई और बाद में धोखाधडी कर वर्ष 2006 से एक अनुबंध अपनी सास गंगाबाई राठौड के नाम से महेन्द्र की माताजी से उनके मकान को बेचने का बना लिया। इसमें गंगाबाई के हस्ताक्षर खुद समरथमल ने कर दिए। इसे लेकर रतलाम न्यायालय में प्रकरण चल रहा है। जांच में वरिष्ठ पंजीयक ने महेन्द्र कुमार टांक की शिकायत को सही पाया और कार्रवाई हेतु पत्र लिख दिया है।

सीएम हेल्पलाइन में एल 4 के आधिकारी के यहां दर्ज

सीएम हेल्प लाइन में उक्त शिकायत 22 जुलाई 2023 को दर्ज हुई थी और 6 मार्च 2024 को शिकायत सही पाए जाने पर उसे एल-4 अधिकारी के यहां दर्ज कर दिया गया है।

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