फैसला : शराब लूटने की नीयत से ट्रक चालक को मारी थी गोली, आरोपी को 6 वर्ष का कारावास एवं अर्थदंड की सजा
⚫ लेबड़ से दिल्ली ले जा रहा था शराब
⚫ मामला करीब 8 साल पुराना
⚫ एक आरोपी को किया दोष मुक्त
हरमुद्दा
रतलाम, 19 मार्च। शराब लूटने की नीयत से ट्रक चालक को गोली मारने वाले आरोपी सोनू उर्फ चना पिता प्रकाश चंद्र निवासी श्रीमाली वास रतलाम को 6 साल की सजा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्ष्मण कुमार वर्मा द्वारा सुनाई गई। साथ ही अर्थ दंड से दंडित किया गया। एक अन्य आरोपी लाखन सिंह उर्फ विजय सिंह को न्यायालय द्वारा दोष मुक्त किया गया।
अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान ने हरमुद्दा को बताया कि 2 जून 2016 को उप निरीक्षक जहांगीर खान पठान पुलिस थाना औद्योगिक क्षेत्र रतलाम को जिला अस्पताल रतलाम से घायल चमन सिंह के घायल होने की जानकारी प्राप्त हुई थी जिस पर जांच के दौरान घायल चमन सिंह ने बताया कि वह 1 जून 2016 को ट्रक में लेबड़ से अंग्रेजी शराब भरकर नई दिल्ली के लिए जा रहा था, जैसे ही वह घटला ब्रिज रतलाम उतरा उसे धमाके की आवाज सुनाई दी और थोड़ी दूर जाने पर उसके दाहिने पैर के घुटने के पास से खून निकलने लगा। इसके इलाज के लिए वह सिविल अस्पताल रतलाम में भर्ती हुआ।
जांच में नजर आई पैर में गोली
मेडिकल परीक्षण तथा एक्सरे में उसके दाहिने पैर में बंदूक की गोली होने की पुष्टि हुई तथा घटनास्थल का निरीक्षण करने पर ट्रक के दाहिनी तरफ की खिड़की में गोली से छेद होना और रोड पर खाली कारतूस मिला। घायल चमन सिंह के कथनों व अन्य साक्षी के कथन के आधार पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा जान से मारने की नीयत से गोली चलाकर घायल की जान जाने का प्रकरण धारा 307 भादवि में दर्ज किया गया था।
पूछताछ में आरोपी ने बताई शराब ट्रक को लूटने की घटना
विवेचना के दौरान 14 नवंबर 16 को थाना माणक चौक रतलाम के जरिये यह सूचना मिली कि माणकचौक थाने में आरोपी सोनू उर्फ चना को अन्य हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था, जहाँ पर आरोपी सोनू से पूछताछ करने पर के जरिए यह जानकारी मिली कि उक्त घटना में शराब ट्रक को लूटने की नीयत से आरोपी सोनू उर्फ चना तथा लखन उर्फ विजय सिंह द्वारा घटना की है ।जिस पर आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई और प्रकरण में धारा 25, 27 आर्म्स एक्ट का इजाफा किया गया।
जांच में गोली, पिस्तौल और खोखा एक का ही मिला
अनुसंधान पूर्णकर आरोपी गण के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। अनुसंधान के दौरान अभियोजन द्वारा घायल के पैर से निकली गोली तथा घटनास्थल पर मिले खाली खोखे एवं आरोपी सोनू उर्फ चना से जप्त पिस्टल की वैज्ञानिक जांच कराई गई थी। उसकी जांच रिपोर्ट में यह आया कि घायल के पैर से निकली गोली तथा मौके पर मिला कारतूस का खाली खोखा आरोपी के द्वारा जप्त पिस्टल से ही चलाई गई थी। न्यायालय में अपने साक्ष्य, वैज्ञानिक साक्ष्य की रिपोर्ट एवं तर्क प्रस्तुत किए गए।
तर्कों से सहमत होकर न्यायाधीश ने सुनाई सजा
अभियोजन द्वारा दिए गए तर्कों से सहमत होकर तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्ष्मण कुमार वर्मा द्वारा एक आरोपी सोनू उर्फ चना पिता प्रकाश चंद्र निवासी श्रीमाली वास रतलाम को धारा 307 भारतीय दंड विधान तथा आयुध अधिनियम की धारा 25 एवं 27 में दोष सिद्ध पाया। आरोपी सोनू उर्फ चना को धारा 307 भादवी में 6 वर्ष का कारावास एवं धारा 25 आयुध अधिनियम में 3 वर्ष का कारावास एवं एक्सीडेंट तथा आयुध अधिनियम की धारा 27 में 5 वर्ष के कारावास एवं कुल 400 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। एक अन्य आरोपी लाखन सिंह उर्फ विजय सिंह को न्यायालय द्वारा दोष मुक्त किया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान द्वारा की गई।