सामाजिक सरोकार : उन सभी का आभार जिनकी मदद से मैं कर पाऊंगा भाई की अस्थियों का विसर्जन और धार्मिक विधि

परिवार को ढूंढा, अस्थियां सौपी तो बहने लगे आंसू, घर से चले गए थे सत्यनारायण

पांच बहनों की कर दी शादी

दो भाई दोनों मनोरोगी

समाजसेवी गोविंद काकानी
रतलाम, 26 अप्रैल। सड़क पर बीमारी की हालत में व्यक्ति मिला। उपचार करवाया। सफलता नहीं मिली।  प्रभु को कुछ और मंजूर था, मौत हो गई। अंतिम संस्कार कर दिया, फिर भी परिवार को ढूंढना नहीं छोड़ा। आखिरकार सफलता मिल गई। भाई शरद उपाध्याय उन सभी का आभार मान रहा है जिनकी मदद से वह भाई की अस्थियों का विसर्जन और धार्मिक विधि संपन्न कर पाएगा।

और सत्यनारायण का भाई मिल गया शरद

मीडिया, सोशल मीडिया से लगातार प्रयत्न करने पर सफलता हाथ लगी। जब अमरावती महाराष्ट्र से काका जगदीश उपाध्याय ने फोन कर बताया मैं सत्यनारायण उपाध्याय को पहचानता हूं। इनका भाई रतलाम सिखवाल नगर क्षेत्र में रहता है। उनसे भाई शरद उपाध्याय के नंबर प्राप्त हुए।

जानकारी से अवगत कराया शरद को

भाई शरद को मोबाइल लगा कर बताया कि सत्यनारायण उपाध्याय उम्र 55 वर्ष को  समाजसेवी स्वदेश शर्मा द्वारा दो बत्ती सड़क पर बीमारी की हालत में 108 द्वारा जिला रोगी कल्याण समिति सदस्य की मदद से जिला चिकित्सालय आइसोलेशन वार्ड में 20 अप्रैल को भर्ती करवाया था। संपूर्ण इलाज के बाद उसे बचाया नहीं जा सका। 21 अप्रैल प्रातः उसने दम तोड़ दिया।

नहीं हुई पहचान तो कर दिया अंतिम संस्कार

उससे प्राप्त जानकारी अनुसार हम लोग एवं पुलिस प्रशासन पहचान निकालने में लगे रहे जबकि उसने पता बताया  अमरावती महाराष्ट्र का होने से पहचान नहीं हो सकी।
23 अप्रैल को उनका अंतिम संस्कार कर दिया।

दो भाई मनोरोगी, दो बहनों का हो गया स्वर्गवास

भाई उपाध्याय ने बताया कि परिवार में मेरे दोनों भाई मनोरोगी, पांच बहने जिनकी शादी हो चुकी है। उसमें से दो का स्वर्गवास हो चुका है। एक बहन का ससुराल जवाहर नगर में ही है। घर पर माताजी को दिखाई नहीं देता है। सत्यनारायण का इलाज बहुत लंबे समय से चल रहा था। थोड़े दिन पहले इसे रतलाम मेडिकल कॉलेज से इंदौर इलाज के लिए भेजा गया था, जहां से उसे शरीर के सभी अंग खराब होने के कारण घर पर ही सेवा करने का बोलकर वापस रतलाम भेज दिया था। 16 अप्रैल से यह घर से बिना बोले निकल गया था।

उन सभी का आभार जिनकी मदद से मैं कर पाऊंगा भाई की अस्थियों का विसर्जन

समाजसेवी श्री काकानी शरद को भाई की अस्थि सौंपते हुए

मेरे भाई की मदद करने में सभी समाचार पत्र, मीडिया , समाज सेवी स्वदेश शर्मा, नरेंद्र जोशी, विजय थापा, गोपाल कृष्ण मांगीलाल मुंदडा,  मुबारक शाह एसआई, काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन, पुलिस प्रशासन, जिला चिकित्सालय प्रशासन का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं  जिनके प्रयासों से  अपने भाई की  अस्थि विसर्जन एवं अन्य धार्मिक विधि संपन्न कर पाऊंगा। यह कहते ही आंसू बहने लगे, गला भर आया।

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