श्रद्धांजलि : प्रख्यात कथाकार मालती जोशी का निधन, “शिवानी” ने दिलाई अभूतपूर्व ख्याति
⚫ श्रीमती जोशी को पद्मश्री से अलंकृत किया था राष्ट्रपति ने
⚫ 50 से अधिक हिंदी और मराठी कथा का किया लेखन
⚫ उनके साहित्य पर देश के विश्वविद्यालय में हुए शोध कार्य
हरमुद्दा
दिल्ली/भोपाल, 15 मई। पद्मश्री से अलंकृत लोकप्रिय कथाकार श्रीमती मालती जोशी का आज दिल्ली में निधन हो गया। वे 90 वर्ष की थी। हिंदी मराठी कथाकार ने 50 से अधिक कथा की रचना की और “शिवानी” ने उन्हें अभूतपूर्व ख्याति दिलाई।
उनके अंतिम समय में उनके दोनों पुत्र ऋषिकेश और सच्चिदानंद जोशी (सदस्य सचिव, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र) तथा पुत्र वधूए अर्चना और मालविका उनके पास थे। वे पिछले कुछ समय से आइसोफ़ेगस के कैंसर से पीड़ित थी।
दिया गया पद्मश्री सम्मान
श्रीमती जोशी एक भारतीय उपन्यासकार, निबंधकार और लेखिका हैं, जो मुख्य रूप से हिंदी और मराठी भाषाओं में लिखती हैं। उन्हें 2018 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक, पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
50 से अधिक हिंदी और मराठी कथा का किया लेखन
भारतीय जन संचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पचास से अधिक हिन्दी और मराठी कथा संग्रहों की लेखिका मालती जोशी,”शिवानी” के बाद हिन्दी की सबसे लोकप्रिय कथाकार मानी जाती हैं। वे अपने कथा कथन की विशिष्ट शैली के लिए जानी जाती थी। उनके साहित्य पर देश के कई विश्वविद्यालयों में शोध कार्य हुए हैं। प्रो.द्विवेदी ने कहा कि उनके कथा संसार से भारतीय परिवारों,रिश्तों और मूल्यबोध की गहराई पैदा होती है।