सामाजिक सरोकार : चार काली श्रम संहिताओं को वापस लेने के लिए प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
⚫ ज्ञापन में रखी 13 सूत्रीय मांगे भी
⚫ प्रदेश के 25 लाख से ज़्यादा कर्मचारियों को झेलना पड़ रही मासिक कटौती
⚫ ठेका प्रथा को करें समाप्त, काम के घंटे किए जाए तय
हरमुद्दा
रतलाम, 10 जुलाई। मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव यूनियन की रतलाम शाखा द्वारा चार काली श्रम संहिताओं को वापस लेने सहित 13 सूत्रीय मांगो के समर्थन में एक ज्ञापन प्रधानमंत्री के नाम ज़िला मुख्यालय पर नायब तहसीलदार आशीष उपाध्याय को सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि प्रदेश के 25 लाख कर्मचारियों को मासिक कटौती झेलना पड़ रही है।
जानकारी देते हुए प्रदेशिक उपाध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने हरमुद्दा को बताया कि वर्तमान सरकार ने 100 दिनों की कार्ययोजना तैयार कि है जिसके तहत विगत 20 जून को भारत सरकार के श्रम मंत्रालय ने सभी प्रदेशों के श्रम सचिवों और आयुक्त कि बैठक कर इन श्रम संहिताओं को लागू करने की तैयारी शुरू की। प्रदेश सरकार ने विगत 5 वर्षो से न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण को तमाम कांट छांट के बाद लागू किया। इसके तहत् केवल 1 माह मई मे वेतन मिला। उसके बाद पुनः वेतन कम कर दिया जा रहा है। जिसके तहत प्रदेश के 25 लाख से ज़्यादा कुशल कर्मचारी को 1625 रुपए, अर्ध कुशल कर्मचारी को 1764 रुपए, कुशल कर्मचारी को 2109 रुपए तथा अति कुशल कर्मचारी को 2434 रुपए मासिक कटौती झेलनी पड़ रही है। इसके साथ ही दवाओ पर 0 जी एस टी, ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने एवं काम के घंटे तय करने जैसी प्रमुख मांग है।
यह थे मौजूद
ज्ञापन का वाचन राहुल जाधव ने किया। इस अवसर पर उत्सव दुबे, मोहित वाघमारे, विपीन कसारा, निलेश कुमार, तरुण जेन एवं सीटू के साथी उपस्थित थे।