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धर्म संस्कृति : कन्या को मारने वाले राक्षस, कंस की संतान

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महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती महाराज ने कहा

शंकराचार्यमठ नरसिंह घाट उज्जैन पर भागवत कथा सप्ताह

रतलाम में अध्यात्म का सुखद वातावरण

रतलाम से पहुंचे भक्तों ने किया पुष्प गुच्छ से सम्मान

हरमुद्दा
रतलाम/उज्जैन, 16 जुलाई। कन्या  को बचाने का कार्य सरकार का नहीं यह हमारा नैतिक, सामाजिक एवम् सांस्कृतिक दायित्व का है, जो व्यक्ति कन्या जन्म पर उत्साह  नहीं बनाएँ उसे नवदुर्गा पूजन का अधिकार नहीं। मैं कहना चाहता हूँ कि कन्या को मारने वाले राक्षस है, वे कंस की ही संतान हैं, क्योंकि यह दुष्कर्म कंस ने किया था जो उसके विनाश का कारण बना।


यह विचार महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती महाराज ने शंकराचार्यमठ नरसिंह घाट उज्जैन पर आयोजित भागवत कथा सप्ताह के अवसर पर उनके सम्मान के अवसर पर भक्तजन को संबोधित करते हुए कही।

रतलाम में अध्यात्म का सुखद वातावरण

स्वामीजी ने रतलाम शहर की प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले अधिकमास में भगवान ने मुझसे वहाँ पूरे महीने में लगातार चार अलग- अलग ग्रंथों पर कथाएं करवाई। निरंतर अभिषेक भी होते रहे। रतलाम में अध्यात्म का सुखद वातावरण है।

रतलाम से पहुंचे भक्तों ने किया पुष्प गुच्छ से सम्मान

कथा के प्रारंभ में मुख्य यजमान सुरेशसिंह परमार ने  पोथी पूजन कर पूज्य स्वामीजी का स्वागत किया। रंगकर्मी कैलाश व्यास ने इस अवसर पर श्रीमद् भागवत एवं पूज्य स्वामीजी के बारे में अपने विचार प्रकट किए। रतलाम से पहुंचे भक्तजन  सोनू व्यास, प्रमोद राघव, केबी व्यास, रथिन व्यास, राकेश पोरवाल आदि भक्तजन ने स्वामीजी  का पुष्प गुच्छ से स्वागत व सम्मान किया।

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