वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे प्रशासन की कार्रवाई : न डिग्री और ना ही रजिस्ट्रेशन, फिर भी मनोहर सांवरिया दे रहा था धड़ाधड़ दवाई और इंजेक्शन -

प्रशासन की कार्रवाई : न डिग्री और ना ही रजिस्ट्रेशन, फिर भी मनोहर सांवरिया दे रहा था धड़ाधड़ दवाई और इंजेक्शन

स्टेशन रोड पर दवाई की दुकान के पीछे कार्रवाई

काले बैग ने उगली दवाइयां और इंजेक्शन

मरीज बनकर गए राजस्व निरीक्षक को थमाया प्रिसक्रिप्शन

प्रशासन के दल ने दवाई और प्रिस्क्रिप्शन किया जब्त

स्वास्थ्य विभाग के  डॉ. रवि दिवेकर ने करवाई  रिपोर्ट दर्ज

हरमुद्दा
रतलाम, 26 जुलाई। चिकित्सकों द्वारा ज्यादा फीस लेने और उपचार नहीं करने के चलते कई लोग ऐसे व्यक्तियों से भी उपचार करवाने चले जाते हैं, जहां पर उपचार करने वाले के पास ना तो कोई डिग्री होती है और ना ही रजिस्ट्रेशन। वे इसी बात से कम पैसे में दवाई और उपचार करवा लेते हैं कि ठीक हो जाएंगे, मगर कई बार उनको जान से भी हाथ धोना पड़ता है।  प्रशासन के दल ने शुक्रवार की शाम को स्टेशन रोड पर मेडिकल स्टोर के पीछे ऐसे ही क्लीनिक पर छापा मार कार्रवाई करते हुए उपचार करने वाले तथाकथित व्यक्ति को धरदबोचा।

पुष्पा क्लीनिक पर जांच करते हुए प्रशासनिक दल के अधिकारी

प्रशासन को शिकायत मिली थी जिस पर तहसीलदार ऋषभ ठाकुर ने योजना बद्ध कार्रवाई की। श्री ठाकुर ने हरमुद्दा को बताया कि शुक्रवार के शाम को दो राजस्व निरीक्षक तरुण रघुवंशी और शुभम को स्टेशन रोड स्थित होटल अंकुर के नीचे  मेडिकल स्टोर के पीछे पुष्पा क्लीनिक पर उपचार करने वाले मनोहर पिता रामचंद्र सांवरिया के पास भेजा। तरुण ने बीमारी बताई। तत्काल मनोहर ने प्रिस्क्रिप्शन लिखा और देते हुए दवाई लेने की जानकारी दी। तभी तहसीलदार श्री ठाकुर भी पहुंचे।

ना डिग्री ना ही रजिस्ट्रेशन

तहसीलदार ठाकुर ने जब मनोहर से उनकी डिग्री और रजिस्ट्रेशन के बारे में जानकारी चाही तो वह नहीं दे पाए। याने कि  यह तो झोलाछाप डॉक्टर भी नहीं निकला। और ना ही किसी डॉक्टर का हेल्पर।  काला बैग उठाकर जांच करने लगे तो मनोहर गिड़गिड़ाने लगा। जब बैग खोला गया तो उसमें से दवाइयां निकलती गई। हर पॉकेट की चैन खोली जिसमें से दवाई, इंजेक्शन, सिरिंज सहित अन्य दवाई निकलती गई।

स्वास्थ्य विभाग ने करवाई रिपोर्ट दर्ज

यह है उपचार करने वाला तथाकथित व्यक्ति

इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के  डॉ. रवि दिवेकर को भी बुलाया गया। मनोहर द्वारा लिखा गया प्रिस्क्रिप्शन और दवाइयां जब्त की गई। स्वास्थ्य विभाग ने उपचार करने वाले तथाकथित व्यक्ति के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज करवाया।

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