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धर्म संस्कृति : परम ज्योति से आत्म ज्योति जगाने का यादगार पर्व है दीपावली 

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ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा

दिव्य दर्शन भवन सेवा केंद्र पर मनाया दीपावली का उत्सव

चैतन्य लक्ष्मी जी की झांकी भी सजाई

हरमुद्दा
रतलाम, 1नवंबर। नए सामान के साथ नए संस्कारों का सृजन करना ही सच्ची दिवाली मनाना है। परम ज्योति से आत्म ज्योति जगाने का यादगार पर्व दीपावली है। पर्व के रीति रिवाज के पीछे आध्यात्मिक रहस्य भी है।

यह विचार स्थानीय सेवा केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने व्यक्त किए। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के डोंगरे नगर स्थित दिव्य दर्शन भवन सेवा केंद्र पर दीपावली का उत्सव बड़े ही खुशी एवं उल्लास के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम में चैतन्य लक्ष्मी जी की झांकी भी सजाई गई।

पर्व के रीति रिवाज के पीछे आध्यात्मिक रहस्य

ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने दीपावली का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि दीपावली जगमगाते हुए दीपों की रोशनी का त्यौहार है। इस पर्व की हर एक रीति रिवाज के पीछे आध्यात्मिक रहस्य है जिसे जानकर हम अपने जीवन को एक नई सोच और नई दिशा दें और नए युग के आगमन का शुभारंभ करें अपने आत्मिक स्वरूप को जान सर्वोच्च शक्ति परमात्मा से जुड़कर अपने आत्मा रूपी दीपक को भी जगाएं परमात्मा के द्वारा दी जाने वाले राजयोग की शिक्षा को ग्रहण कर अपने आचरण को इतना श्रेष्ठ बनाएं जिससे यह भारत भूमि देव भूमि बन जाए और हर नर नारायण और हर नारी लक्ष्मी के सामान बन जाए तब स्वर्णिम दुनिया आएगी अर्थात घर-घर खुशियों की दिवाली होगी। दीपावली में अपने घर में नए सामान के साथ नए संस्कारों का सृजन करना ही सच्ची दिवाली मनाना है।

जीवन में जलाएं खुशियों के दीप बीके गीता दीदी

दीपावली के शुभ अवसर पर ब्रह्माकुमारी गीता दीदी ने कहा कि दीपावली प्रतीक है अंधकार पर प्रकाश की विजय का, अज्ञान पर ज्ञान की विजय का। जिस प्रकार अंधकार में मनुष्य भटकता है उसी प्रकार अज्ञानता में भी दुःख, भय, चिंता के अंधकार में मनुष्य भटकता रहता है इस अज्ञान अंधेरे को दूर करने वाला है सत्य ज्ञान का प्रकाश जो आत्मा के दीप जलने के बाद ही सुख शांति और समृद्धि के रूप में प्राप्त होता है और यही सच्ची दीपावली होगी जबकि हर आत्मा की जोत जगी होगी,  राजयोग के द्वारा जीवन में खुशियों की दीप जलाएं और सच्ची दीपावली मनाएं।

चैतन्य लक्ष्मी की सजाई झांकी

इस अवसर पर सेवा केंद्र के सभी भाई-बहन  उपस्थित रहे। लक्ष्मी जी की सुंदर रंगोली के साथ चैतन्य लक्ष्मी जी की झांकी भी सजाई गई। सभी भाई बहनों द्वारा आत्मा रूपी दीपक को जगाए रखने के लिए शुभ संकल्प लेते हुए दीपक जलाया गया। सभी ने एक दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं दी। अंत में प्रभु प्रसाद से सभी का मुख मीठा कराया गया।

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