फैसला : पत्नी की हत्या करने वाले पति को आजीवन कारावास
⚫ न्यायालय ने नाबालिक पुत्री की साक्ष्य को संदेह से परे माना
⚫ बच्चों को प्रतिकर राशि प्रदान करने की न्यायालय ने की अनुशंसा
⚫ 11 व्यक्तियों के करवाए गए कथन
हरमुद्दा
रतलाम 27 नवंबर। 25 महीने पूर्व अपनी पत्नी की हत्या करने वाले पति को न्यायालय तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश बरखा दिनकर ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही ₹5000 का जुर्माना भी लगाया है। न्यायालय ने बच्चों को प्रतिकर राशि प्रदान करने की अनुशंसा रतलाम जिला विधिक सहायता प्राधिकरण को की है।
अपर लोक अभियोजक एवं शासकीय अधिवक्ता सतीश त्रिपाठी ने हरमुद्दा को बताया कि घटना दिनांक 9 व 10 अगस्त 2022 रात्रि की है। मृतिका शोभा बाई पति विजय जाट निवासी नामली अपने बच्चों के साथ कमरे में सो रही थी। सुबह- शोभा बाई मृत अवस्था में मिली थी। शोभा बाई एवं आरोपी विजय जाट पिता रतनलाल जाट के मध्य छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़ा होता था। मृतिका की मृत्यु विजय जाट द्वारा गला दबाने के कारण हुई थी।
21 अगस्त को किया आरोपी पति को गिरफ्तार
अभियुक्त विजय जाट को 21 अगस्त 2022 को गिरफ्तार कर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 में मामला पुलिस थाना नामली द्वारा पंजीबद्ध कर तत्कालीन थाना प्रभारी प्रीति कटारे द्वारा मामले की विवेचना की गई थी। न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत कर साक्ष्य प्रारंभ हुई। अभियोजन द्वारा प्रकरण में 11 व्यक्तियों के कथन करवाए गए थे। शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक सतीश त्रिपाठी ने की l
नाबालिक बच्ची की साक्ष्य को संदेह से परे माना
प्रकरण का विचरण करते हुए न्यायाधीश बरखा दिनकर ने अपने 38 पेज के निर्णय में लिखा की मृतिका शोभा बाई की पुत्री खुशी घटना के समय घर पर थी। उन्होंने न्यायालय में अपनी गवाही के दौरान व्यक्त किया की घटना दिनांक को माता-पिता के मध्य झगड़ा हो रहा था। पिता ने हमें दूसरे कमरे में सुला दिया। इसके बाद लगभग एक घंटे तक माता-पिता के मध्य झगड़ा चला रहा। फिर आवाज आना बंद हो गई थी। हमें भी नींद आ गई। सुबह जब हम स्कूल के लिए तैयार हुए तो हमारी माता शोभा भाई नहीं उठी। तो हम कमरे में गए। पिता वहीं पर थे। हमने उनसे बोला कि हमें स्कूल जाना है माता को उठाओ, तो पिता ने कहा कि पास में रहने वाले दादा दादी को बुलाकर लाओ। हम बुलाने गए इतने में पिता वहां से भाग गए थे। दादा-दादी ने माता को देखकर कहा कि हमारी माता की मृत्यु हो गई है। इसके बाद अस्पताल लेकर गए। न्यायालय ने मृतिका की पुत्री की साक्ष्य को संदेश से परे मानते हुए उन्हें घटना का साक्षी माना।
प्रतिकर देने की की अनुशंसा
न्यायालय ने मध्य प्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना 2015 के अंतर्गत मृतका के बच्चों को वर्तमान सामाजिक परिवेश में तथा प्रकरण की स्थिति को देखते हुए यथोचित प्रतिकार देने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रतलाम को अनुशंसा की है।